हार निश्चित होने के बाद भी कांग्रेस पार्षदों को देना पड़े सबूत

By AV NEWS

मामला: नगर निगम में झोन अध्यक्षों के चुनाव का

उज्जैन। बहु प्रतीक्षित और एक बार तारीख की घोषणा के बाद टल चुके नगर निगम झोन अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया आखिर दो दिनों में पूरी हो गई। खास बात यह रही कि नगर निगम के सभी 6 झोन में भाजपा के अध्यक्ष काबिज हुए। रोचक यह रहा कि हार की निश्चितता के बावजूद कांग्रेस पार्षदों ने किला लड़ाने में कसर नहीं छोड़ी।

11 जनवरी को झोन क्रमांक 2, 3 व 4 के अध्यक्षों के निर्वाचन दोपहर 1 बजे से शुरू हुए थे। झोन क्रमांक 2 में कांग्रेस पार्षद सुपरीवाला ने बहुत नहीं होने के बावजूद नामांकन दाखिल किया जिसमें त्रुटि पाये जाने पर नामांकन निरस्त हो गया। इससे आक्रोशित कांग्रेस पार्षदों ने नारेबाजी भी की और कोर्ट में जाने की बात कही वहीं दूसरी तरफ भाजपा के पार्षद विजय सिंह कुशवाह को अध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दिया गया। ऐसा ही मामला झोन क्रमांक 3 के निर्वाचन में भी हुआ। इस झोन में मात्र एक वोट के अंतर का मुकाबला था।

कांग्रेस पार्षदों ने वोटिंग की मांग की। कांग्रेस पार्षदों ने वोटिंग के दौरान मतदान पत्र पर मोहर लगाने के बाद अपने अपने मोबाइलों से पत्र के फोटो भी खींचे फिर मतपत्र मतपेटी में डाले। हालांकि इस झोन में भी हार सुनिश्चित थी क्योंकि भाजपा के सभी 6 पार्षदों ने एकजुटता दिखाते हुए एकतरफा वोटिंग की। यहां से पार्षद सुशील श्रीवास झोन अध्यक्ष निर्वाचित हुए, जबकि दूसरे दिन 12 जनवरी को झोन 5 व झोन 6 के निर्वाचन सम्पन्न हुए इन दोनों झोन में मतदान की आवश्यकता नहीं हुई और लोकशक्ति में पूर्व से निर्धारित नामों को सहमति प्रदान करते हुए झोन अध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दिया गया।

निर्वाचन से पहले आपसी सहमति का दौर

नगर निगम झोन अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले शहर कांग्रेस अध्यक्ष, सदन में विपक्ष के नेता व अन्य पार्षद सभापति कलावती यादव से आपसी सहमति के सिलसिले में उनके चैम्बर में मिले। दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच लंबी चर्चा भी हुई लेकिन सभी वार्डों में भाजपा का बहुमत होने के कारण सहमति नहीं बन पाई और यही कारण रहा कि कांग्रेस पार्षद दल द्वारा दो झोन में मतदान की मांग की गई, हालांकि दोनों ही झोन में कांग्रेस प्रत्याशी हार भी गये।

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