अरोमाथेरेपी विशेषज्ञ बनकर इस तरह महकाएं अपना कॅरियर

By AV NEWS

बीमार होने पर दवाइयों का इस्तेमाल तो हर कोई करता है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आप लोगों को बिना दवाई के ही ठीक कर दें तो इसके लिए आप अरोमाथेरेपी विशेषज्ञ बनकर ऐसा कर सकते हैं।

बीमार होने पर दवाइयों का इस्तेमाल तो हर कोई करता है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आप लोगों को बिना दवाई के ही ठीक कर दें तो इसके लिए आप अरोमाथेरेपी विशेषज्ञ बनकर ऐसा कर सकते हैं। अरोमा का अर्थ होता है खुशबू और थेरेपी का अर्थ है- उपचार अर्थात अरोमाथेरेपी में व्यक्ति का उपचार खुशबू के द्वारा किया जाता है। एक अरोमाथेरेपी विशेषज्ञ बनना इतना भी मुश्किल नहीं है। आप बेहद आसानी से इसमें कॅरियर की नई राहें ढूंढ सकते हैं-

ऐसे करता है काम :

एक अरोमाथेरेपी विशेषज्ञ का मुख्य काम विभिन्न एसेंशियल ऑयल व अन्य सुंगधित पौधों का अर्क निकाल कर मनुष्य की विभिन्न बीमारियों का इलाज करना होता है। दरअसल, जब शरीर पर खुशबू वाले अर्क का इस्तेमाल किया जाता है तो इसका असर मनुष्य के ब्रेन व नर्वस सिस्टम पर होता है और मनुष्य खुद को रिलैक्स महसूस करता है। इसमें सिर्फ शारीरिक समस्याओं का ही इलाज नहीं किया जाता, बल्कि मानसिक व भावनात्मक परेशानियां भी इससे खत्म हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त अरोमाथेरेपी का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे मनुष्य को किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता, जबकि इलाज के दूसरे तरीके जैसे दवाइयां आदि मनुष्य के शरीर को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ हानि भी पहुंचाते हैं। यही कारण है कि विदेशों में अरोमाथेरेपी विशेषज्ञ की काफी डिमांड है, जबकि भारत में यह थेरेपी अभी उतनी पॉपुलर नहीं है।

संभावनाएं :

चूंकि अब लोग इलाज के लिए वैकल्पिक तरीके अपनाने लगे हैं, इसलिए अरोमाथेरेपी स्पेशलिस्ट के लिए काम की कोई कमी नहीं है। आप विभिन्न स्पा, ब्यूटी सेंटर, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम्स, मसाज क्लीनिक, होटल्स, रिसार्ट, क्रूज शिप आदि में जॉब की संभावनाएं तलाश कर सकते हैं। वैसे विभिन्न क्लीनिक में काम करने के अलावा आप खुद की प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। चूंकि एक अरोमाथेरेपी स्पेशलिस्ट को विभिन्न तरह के एसेंशियल ऑयल की गहरी जानकारी होती है तो आप खुद के पेन रिलीफ ऑयल तैयार करके उसका भी बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

अरोमाथेरेपी से संबंधित कोर्स करना होता है

इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए आपको अरोमाथेरेपी से संबंधित कोर्स करना होता है, जिसे आप 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद आसानी से कर सकते हैं। इस क्षेत्र में आप शॉर्ट टर्म कोर्सेज से लेकर लॉन्ग टर्म कोर्सेज कर सकते हैं। कोर्स के दौरान छात्रों को विभिन्न शारीरिक समस्याओं की जानकारी दी जाती है। साथ ही उनका अरोमाथेरेपी के जरिए दूर करने का ज्ञान भी दिया जाता है। साथ ही छात्रों को यह भी बताया जाता है कि विभिन्न प्रकार के एसेंशियल ऑयल की प्रापर्टीज क्या होती है और वे किस तरह काम करते हैं। इतना ही नहीं, वे एक एसेंशियल ऑयल को दूसरे के साथ मिलाकर किस तरह प्रयोग में लाए जा सकते हैं। साथ ही कोर्स के दौरान इसे अप्लाई करने का तरीका भी सिखाया जाता है। कोर्स में छात्र फिजियोलॉजी, पैथोलॉजी, एनॉटोमी आदि की बेसिक जानकारी प्राप्त करते हैं।

धैर्य होना जरूरी :

इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए आपके अंदर सबसे पहले तो धैर्य होना चाहिए। ताकि वह मरीज की परेशानी को सुन व समझ सके। साथ ही आपके अंदर यह भी क्षमता होनी चाहिए कि आप क्लांइट को इस बात का भरोसा दिला सकें कि आप उनकी परेशानी को दूर कर देंगे। वहीं आपकी अप्रोच केयरिंग होनी चाहिए और आपका स्वभाव भी एकदम शांत होना चाहिए।

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