पांच साल में 122 घूसखोरों को लोकायुक्त ने पकड़ा…
उज्जैन के सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़ोतरी 55 मामलों के चालान न्यायालय में पेश किए गए
उज्जैन।लोकायुक्त की सजगता और तेजी के बाद भी घूसखोरों में कार्रवाई या सजा का खौफ नहीं है। उज्जैन जिले इस वर्ष के 8 माह में 18 रिश्वतखोर लोकायुक्त हत्थे चढ़े है।
वहीं उज्जैन संभाग में बीत पांच साल में रिश्वतखोरी के मामले दर्ज हुए है। खास बात यह कि घूसखोरी के सबसे अधिक मामले राजस्व विभाग में सामने आए है। वहीं रिश्वत के मामले में न्यायालय में चालान पेश करने में उज्जैन सबसे आगे है।
लोकायुक्त पुलिस लगातार कार्रवाई के बाद भी भ्रष्टाचार के मामले में सरकारी कर्मचारियों रिश्वत जेते पकड़े जाने का भय नहीं है। घूसखोरों की शिकायत मिलते ही उज्जैन लोकायुक्त पुलिस लगातार सख्त कार्यवाई कर रही है।
लोकायुक्त पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में विभाग में कुल 143 मामलों में प्रकरण दर्ज किए है। इसमें 122 मामले रिश्वतखोरी और 9 मामलों में आय से अधिक संपत्ति मिलने पर छापामारी की करवाई हुई है।
बता दें कि पिछले कुछ सालों में उज्जैन के सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 की तुलना में 2018 के दौरान लोकायुक्त पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई में 2 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2019 में उज्जैन परिक्षेत्र में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में ट्रैप के 28 मामलों में रिश्वतखोरों को पकड़ा गया था। वर्ष 2018 में ट्रैप के 17, छापामारी के 2 और पद के दुरूपयोग के एक मामले में कार्रवाई की गई थी। इस प्रकार वर्ष 2017 से अभी तक लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वतखोरों को पकडऩे के लिए पुलिस द्वारा में सेकडों प्रकरण दर्ज किए गए है।
चार मामलों में संपत्ति कुर्की के आदेश
1 वर्ष 2011, नगर निगम उज्जैन के चपरासी नरेंद्र देशमुख के पास लगभग पौने चार करोड़ रुपए की संपत्ति मिली। मामले में इंदौर कोर्ट ने संपत्ति अधिग्रहण का आदेश दिया है।
2 वर्ष 2012, नगर निगम में सहायक राजस्व निरीक्षक कैलाश सांगते की साढ़े चार करोड़ रु. से ज्यादा की काली कमाई की पोल खुली। उक्त मामले में भी कोर्ट ने संपत्ति कुर्की के आदेश दे दिए है।
3 वर्ष 2010, पटवारी महेश देपन घट्टिया के घर लोकायुक्त ने छापामारी कर आय से अधिक संपत्ति का पर्दाफाश किया। मामले में कोर्ट ने संपत्ति कुर्की के आदेश दिए है।
4 वर्ष 2020, एसडीएम प्रहलाद अमरिया जिला शाजापुर के पास आय से अधिक संपत्ति मिली। लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज कर मामला कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने संपत्ति अधिग्रहण के आदेश जारी कर दिए है।
रिश्वतखोरी में राजस्व विभाग सबसे आगे…रिश्वत के मामले में राजस्व विभाग सबसे आगे है। पिछले पांच सालों के आंकड़ों के अनुसार घूसखोरी की शिकायत के मामले में राजस्व विभाग पहले नंबर पर और पुलिस और अन्य विभाग बाद में दर्ज है। 2017 में राजस्व विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ रिश्वत मांगने के 28 मामले दर्ज किए गए।