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आयुष्मान योजना गड़बड़ी में उज्जैन के चार प्रमुख अस्पतालों पर अर्थदंड

प्रदेशभर के 120 निजी अस्पतालों ने किया दो सौ करोड़ रुपये का घोटाला

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उज्जैन। आयुष्मान भारत योजना के संबंध में मध्य प्रदेश के 620 निजी अस्पतालों में से 120 ने दो सौ करोड़ रुपये का घोटाला किया है। इनमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर सहित प्रदेश के ख्यातिप्राप्त निजी अस्पताल भी शामिल हैं। भोपाल और जबलपुर के कुछ अस्पतालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है।

15 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस और 104 अस्पतालों को अर्थदंड वसूली के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। अर्थदंड वसूली के मामले में उज्जैन शहर के चार प्रमुख अस्पताल भी शामिल है। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा तैयार कराई गई एक जांच रिपोर्ट में सामने आई है।

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आष्युमान योजना के अंतर्गत कुल 620 निजी अस्पतालों को तीन साल (वर्ष 2019 से जुलाई 2022 तक) में 1048 करोड़ 98 लाख 19 हजार 481 रुपये का भुगतान किया गया। वर्ष वार किए गए भुगतान में अधिकांश निजी अस्पतालों में वित्तीय फर्जीवाड़ा और ज्यादा बिलिंग की शिकायतें मिली हैं। स्वास्थ्य विभाग अब इन निजी अस्पतालों पर अर्थदंड लगाकर वसूली कर रहा है और 15 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कुल 104 अस्पतालों से अर्थदंड वसूली के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं।

ऐसे की गड़बड़ी

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जांच में कई तरह के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कई अस्पतालों में खुद के कर्मचारियों के नाम आयुष्मान कार्ड बनवा दिए गए थे और उन्हें मरीज बनाकर रकम निकाल ली गई। इसी तरह किसी मरीज का बिल 50 हजार का बना तो उसे बढ़ाकर दो लाख रुपये की राशि सरकार से वसूल ली जाती थी। ग्रामीण क्षेत्र के आयुष्मान कार्डधारियों को अस्पताल लाने के लिए जगह-जगह एजेंट नियुक्त किए गए थे।

कुछ अस्पतालों ने इन्हें जनसंपर्क अधिकारी का पदनाम दे दिया था। बिलिंग की राशि में बढ़ोतरी का खेल जांच के नाम पर किया जाता था। महंगी-महंगी जांच के नाम पर बिल बना लिए जाते थे। अस्पताल लोगों को लालच देकर उनके फर्जी आयुष्मान कार्ड भी तैयार करवाते थे। मामले में 15 अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए है। वहीं प्रदेश के 104 अस्पतालों से अर्थदंड वसूला जा रहा है।

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