इस बार भी महाकाल सवारी छोटे मार्ग से

महाकालेश्वर की सवारी हरसिद्धि मंदिर होकर पहुंचेगी रामघाट, वापसी होगी हरसिद्धि की पाल से

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उज्जैन।इस वर्ष श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारियों को लेकर चल रहा उहापोह समाप्त हो गया है। सूत्रों का दावा है कि प्रशासन और मंदिर प्रबंध समिति ने निर्णय ले लिया है कि सवारी गत वर्ष की तरह हरसिद्धि होकर रामघाट जाएगी और हरसिद्धि की पाल से हरसिद्धि होकर पुन: मंदिर आएगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस मामले में अगले सप्ताह में क्राइससे मैनेजमेंट कमेटी की बैठक बुलाकर निर्णय ले लिया जाएगा।

कोरोनाकाल में गत वर्ष बाबा महाकाल की परंपरागत सवारी निकालने का क्रम जारी रखा गया लेकिन भीड़ प्रबंधन एवं कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करवाने के उद्देश्य से सवारी परंपरागत मार्ग से न निकालते हुए मंदिर से बड़ा गणेश, हरसिद्धि मंदिर होते हुए रामघाट तक तथा वापसी में हरसिद्धि की पाल, हरसिद्धि मंदिर होकर पुन: मंदिर तक लाने का काम किया गया था।

इस वर्ष आगामाी माहों में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन किसी प्रकार की रिस्क लेने के मूड में नहीं दिख रहा है। सूत्र बताते हैं कि प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि परंपरा कायम रखी जाए लेकिन सवारी गत वर्ष के नवीन एवं छोटे मार्ग से ही निकाली जाए।

इसी दिशा में अधिकारियों द्वारा सवारी मार्ग पर पेंच वर्क करने,प्रकाश व्यवस्था करने आदि की तैयारियां जारी है। ज्ञात रहे 25 जुलाई से श्रावण मास लग रहा है और इसके अगले दिन श्रावण मास का पहला सोमवार आएगा। इस दिन पहली सवारी निकलेगी।

क्राइसेस मैनेजमेंट लेगी निर्णय
इस संबंध में चर्चा करने पर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के अनुसार अंतिम निर्णय तो क्राइसेस मैनेजमेंट को लेना है।

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