उज्जैन:अब मजदूरों पर कोरोना कर्फ्यू का कहर

By AV NEWS

टिफिन लेकर पेंटिंग करने जा रहा था तो कोई मजदूरी की तलाश में बैठा था, 60 को जेल भेजा

एसपी बोले- औद्योगिक फैक्ट्रियों में कार्य करने वाले और साइड कंस्ट्रक्शन वाले मजदूरों को ही छूट

उज्जैन।शहर में कोरोना मरीजों का ग्राफ एक ओर नीचे आ रहा है तो पुलिस और प्रशासन की सख्ती बढ़ती जा रही है। कोरोना कफ्र्यू नियम के मुताबिक काम धंधे पर जाने वाले लोगों को रोकने या कार्रवाई नहीं करने के निर्देश जारी हुए थे.लेकिन सुबह पुलिस ने 60 से अधिक लोगों को पकड़कर अस्थायी जेल भेज दिया जिनमें अधिकांश लोग मजदूरी और काम की तलाश में जा रहे थे। पकड़ाये मजदूरों ने बताया कि हमारे पास खाने के पैसे नहीं, जुर्माना कहां से भरेंगे।

कोरोना कफ्र्यू का पालन कराने के लिए प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की अलग-अलग टीमें शहर के विभिन्न चौराहों पर कार्रवाई कर रही हैं। इनके द्वारा दो पहिया वाहनों से बिना काम सड़कों पर घूमने वाले, बिना मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग, कोरोना कफ्र्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्रतिदिन स्पॉट फाइन, वाहन जब्ती और अस्थायी जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

कोरोना कफ्र्यू लागू करते समय अफसरों द्वारा स्पष्ट किया गया था कि फैक्ट्री में काम अथवा मजदूरी के लिये आवागमन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई न की जाये, लेकिन सुबह से बुधवारिया, देवासगेट, तरणताल चौराहा आदि चैकिंग पाइंटों से मजदूरों की गिरफ्तारी शुरू कर दी गई। सुबह 11 बजे तक पीजीबीटी कॉलेज स्थित अस्थायी जेल में 60 से अधिक लोग पहुंच चुके थे जिनमें कोई मजदूरी करने जा रहा था तो कोई पेंटिंग करने। खास बात यह कि पकड़ाये लोगों में नाबालिग, दिव्यांग भी शामिल थे। अस्थायी जेल में बंद होने के लिये कतार बनाकर खड़े मजदूरों ने कहा कि हमारे पास खाने के रुपये नहीं हैं, 200 रुपये का फाइन कहां से भरेंगे। लॉकडाऊन में जैसे तैसे तो काम मिला था, वहीं पर जाने से पहले पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया।

निजी काम करने वालों को छूट नहीं

कोरोना कफ्र्यू में जो लोग औद्योगिक फैक्ट्रियों में कार्यरत हैं अथवा सरकारी कंस्ट्रक्शन साइड पर काम करते हैं उनको आवागमन की छूट दी गई है। किसी निजी स्थान पर काम करने वाले अथवा घरों पर पेंटिंग करने वालों को अनुमति नहीं है।-सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एसपी

मजदूरों का दर्द…

मैं देवासगेट बस स्टैंड परिसर में बैठा था। मजदूरी करता हूं, काम की तलाश में रोजाना यहां आता हूं। पुलिस ने पकड़ा और पूछताछ की। मजदूरी का कारण बताया कहा कोरोना कफ्र्यू का उल्लंघन करता है चल जेल वाहन में बैठ था।-सतीश शर्मा, निवासी बैरछा

मैं आगर का हूं, एक सप्ताह से कोई काम नहीं मिला। जेब के रुपये भी खत्म हो गये। खाने की जुगाड़ नहीं हो रही थी। काम की तलाश में देवासगेट आया था। पुलिस ने पकड़ लिया और जेल वाहन में बैठाकर यहां भेज दिया।– माधव कुंवर, निवासी आगर

कोरोना कफ्र्यू में कोई काम नहीं था, जैसे तैसे पेंटिंग का काम मिला था। खाने का टिफिन लेकर वहीं काम करने जा रहा था। निकास चौराहे पर पुलिस ने पकड़ लिया। उन्हें बताया कि काम पर जा रहा हूं तो कहने लगे 200 रुपये की रसीद कटवा ले, रुपये नहीं होने की बात कही तो जेल भेज दिया।-धर्मेन्द्र, निवासी वृंदावनपुरा

मैं माधव नगर अस्पताल के कोविड वार्ड में झाडू पोंछा करता हूं, प्रतिदिन खर्चे के रुपये मिल जाते हैं। वहीं काम करने जा रहा था, एक हाथ से दिव्यांग हूं लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया। अस्पताल का कार्ड मांगा, मेरे पास कोई कार्ड नहीं है इस कारण जेल भेज दिया। संजू निवासी देवासगेट

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