पहले 150 लोग आते थे अब 50-60 ही आ रहे
उज्जैन। मार्च और अप्रैल माह में कोरोना टेस्ट कराने वालों की फ्लू ओपीडी के बाहर लाईन लगती थी। एक दिन में 150 से अधिक लोगों की कोरोना जांच की जा रही थी, लेकिन वर्तमान में जांच कराने वालों की संख्या आधी से भी कम रह गई है। अच्छी बात यह है कि लोग अपनी इच्छा से जांच कराने यहां आते हैं।
कोरोना संक्रमण को लेकर आज भी अनेक लोगों में भ्रांतियां बनी हुई हैं, पहले लोग जांच कराने से परहेज कर रहे थे लेकिन अब अपनी इच्छा से जांच कराने फ्लू ओपीडी में पहुंच रहे हैं जिसका फायदा यह हो रहा है कि मामूली लक्षण दिखते ही तुरंत उपचार शुरू करने से कोरोना मरीज कम समय में रिकवरी कर स्वस्थ हो जाते हैं। जिला चिकित्सालय की फ्लू ओपीडी व्यवस्था प्रभारी देवेन्द्र जोशी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू होते ही जिला चिकित्सालय सायकल स्टेण्ड के पास फ्लू ओपीडी शुरू कर दी गई थी। यहां सर्दी, खांसी, बुखार और कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की जांच की जा रही थी। मार्च और अप्रैल माह में स्थिति यह हो गई थी कि प्रतिदिन 150 से अधिक लोग कोरोना जांच कराने आने लगे इस कारण लाइन लगवाकर पुलिस को भी बुलाना पड़ा था। मई माह की शुरूआत में जांच कराने वालों की संख्या में कमी आई और वर्तमान में 50-60 लोग ही कोरोना जांच कराने आ रहे हैं।
दूसरे दिन मोबाइल पर मिलता है मैसेज
जिन लोगों द्वारा फ्लू ओपीडी में कोराना जांच कराई जाती है दूसरे दिन उनके मोबाइल पर नेगेटिव या पाजिटिव का मैसेज आ जाता है साथ ही आरआरटी के डॉक्टरों द्वारा पाजिटिव मरीज से संपर्क कर उन्हें मामूली लक्षण होने पर दवाएं उपलब्ध कराई जाती है।
नेगेटिव रिपोर्ट चरक अस्पताल से
ऐसे लोग जिन्होंने कोरोना टेस्ट कराया लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आई उनके मोबाइल पर मैसेज तो आता है, लेकिन रिपोर्ट लेने चरक अस्पताल भवन जाना होता है। प्रभारी जोशी के अनुसार कोरोना जांच कराने के लिये फ्लू ओपीडी में आने वाले लोगों की संख्या में कमी अच्छा संकेत है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। वर्तमान में सुबह 9 बजे दोपहर 4 बजे तक फ्लू ओपीडी में प्रतिदिन जांच की जा रही है। शहर में अन्य स्थानों पर भी फ्लू ओपीडी स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे है।