उज्जैन:दुग्ध संघ की अनियमितता का मामला विधानसभा में

पशुपालन मंत्री से पूछे प्रश्न तो संघ में मच गया हडकंप

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अप्रैल 2010 से मार्च 2021 मार्च तक की अवधि में 30 लाख रु. का घी भी गायब हुआ था

उज्जैन। 30 लाख का घी घोटाला उजागर होने के बाद उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित की अनियमितताओं को लेकर सवाल उठने लगे हैं। मामला अब विधानसभा तक पहुंच गया हैं। दुग्ध संघ को लेकर पशुपालन मंत्री से अनेक प्रश्न विधानसभा के माध्यम से पूछे गए हैं। इसके बाद दुग्ध संघ में हडकंप मचा हुआ हैं।

उज्जैन दुग्ध संघ में अप्रैल 2010 से मार्च 2021 मार्च तक की अवधि में उज्जैन दुग्ध संघ से 30 लाख रु. का घी गायब हो चुका हैं। इसके बाद दुग्ध संघ फिर गड़बडिय़ों के लिए चर्चाओं में आ गया हैं। सूत्रों ने बताया कि संघ की अनियमितताओं को विधानसभा सभा मे रखकर सवाल पूछे गए हैं। इसके बाद दुग्ध संघ में खासी हलचल मच गई हैं। संघ के अधिकारियों ने इस पर चुप्पी साध रखी हैं। कोई भी कुछ नहीं बोल रहा हैं। दुग्ध संघ सीईओ डीपी सिंह ने तो मोबाइल ही बंद कर रखा हैं। दुग्ध संघ प्लांट और ऑफिस में कोई भी अधिकारी मिलने को तैयार नहीं हैं।

विधानसभा में यह सवाल पूछे

क्या उज्जैन जि़ले में बोर्ड की बिना सहमति के डेरी कॉलोनी में लाखों का नवीनीकरण करवा दिया गया है ? यदि हां तो किन नियमों के अंतर्गत और यदि नहीं तो विगत 02 वर्षों में बोर्ड की सहमति कौन कौन से कार्यों में ली गयी है?

क्या इंदौर की फर्म को एक करोड़ रुपए का घी उधार दे दिया गया है जबकि शासन के नियमों में उधार देने का प्रावधान नहीं है?

क्या विगत 02 वर्षों में लगभग 15 लाख रुपए मूल्य के सांची उत्पादों को सीईओ द्वारा निजी लाभ के लिए फ्री ऑफ कॉस्ट करवाकर बाज़ार में बिकवा दिया गया है? इसका सीधा लाभ किसे दिया गया है?

उज्जैन जि़ले में ऐसे कितने कृषक और दुग्ध समितियाँ हैं जिन्हें वर्तमान में 60 दिवस उपरांत भी भुगतान नहीं किया गया है? जबकि नियमानुसार 15 से 20 दिन में हो जाना चाहिए।

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