उज्जैन:नीलगंगा सरोवर की गंदगी से अवगत कराने के लिए संतों ने पूर्व पार्षद चौधरी को लगवाई डुबकी

By AV NEWS

पूर्व पार्षद बोले- संतों का क्या, वे तो बोलते रहते हैं सरावेर के लिए हमने 100% योगदान दिया

नीलगंगा सरोवर की गंदगी से अवगत कराने के लिए संतों ने पूर्व पार्षद चौधरी को लगवाई डुबकी

उज्जैन। गंगा दशहरे पर नीलगंगा सरोवर की गंदगी क्षेत्र की पूर्व पार्षद को भारी पड़ गई। सरोवर के काले पानी और कचरे को देखकर नाराज पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महात्मा और अभा अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने पूजन के लिए पहुंचे पूर्व पार्षद दंपति को जमकर आड़े हाथों लिया।

सरोवर की हकीकत से अवगत कराने के लिए सरोवर में डुबकी लगाने को कहा कि इस कीचड़ का भी कोई उपाय करो पार्षद बहन जी।

प्राचीन नीलगंगा सरोवर के हालात सुधार के लिए लाखों रुपए खर्च हो चुके है, लेकिन फिर भी आसपास की कॉलोनियों का गंदा पानी मिलने से सरोवर की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।

जनप्रतिनिधि भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे है। नीलगंगा सरोवर नगर निगम के वार्ड 36 का हिस्सा है। यहां से शक्तिसिंह चौधरी और उनकी पत्नी दुर्गा चौधरी पार्षद रह चुके हंै। दोनों नीलगंगा सरोवर की स्थिति बदलने का दावा भी करते रहे है।

चौधरी दंपत्ति गुरुवार को गंगा दशहरे पर पूजन के लिए नीलगंगा सरोवर पहुंचे ओर किनारे खड़े हो गए। सरोवर में स्नान कर रहे श्रीमहंत हरिगिरि की उन दोनों पर निगाह पड़ी तो बोले सरोवर कितना गंदा हो रहा है,आप लोग तो कुछ करते नहीं है।

किनारे खड़े होकर नहीं पानी में आकर देखें कितना मैला जमा है। श्रीमहंत हरिगिरि ने अन्य संतों से कहा कि पार्षद मैडम को सरोवर में लाए और बताए कि कितनी गंदगी हो रही है। इसके बाद मजबूरी में सरोवर में उतरी दुर्गा चौधरी को जल में डुबकी लगाने के लिए बाध्य कर दिया।

नाराजगी की बात नहीं, रेती डालने का कहा

नीलगंगा सरोवर की स्थिति पर श्रीमहंत हरिगिरि की नाराजगी और कुछ नहीं करने के आरोप पर पूर्व पार्षद शक्तिसिंह चौधरी का कहना है कि सब को पता है हमने सरोवर के लिए कितना काम और प्रयास किए है। संतो-महंतों का क्या वे तो बोलते है। पानी गंदा है और तल में गंदगी है।

हरिगिरि जी नाराज हुए ऐसी कोई बात नहीं है केवल उन्होंने इतना कहा है कि गाद बहुत है किनारे पर रेती और गिट्टी बिछाने का प्रबंध करें। चौधरी ने कहा कि इसके लिए हम तो क्या कोई भी कुछ नहीं कर सकता है। सरोवर को बेहत्तर बनाने में हमारा योगदान 100प्रतिशत रहा है।

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