उज्जैन:पति की कोरोना से मौत की खबर सुन चार दिन बाद जिंदगी की जंग हार गईं प्रोफेसर की योग टीचर पत्नी

By AV NEWS

World Health Day पर लोगों की सेहत सुधारने वाली योग गुरु का निधन

उज्जैन। साइंस कॉलेज के प्रोफेसर की रविवार को कोरोना संक्रमण की वजह से मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी भी कोरोना बीमारी से उसी अस्पताल में लड़ रही थीं, लेकिन पति की मृत्यु की खबर सुनने के बाद उनकी हालत अत्यधिक बिगड़ी। मंगलवार को प्लाज्मा थैरेपी की गई लेकिन उसका सपोर्ट नहीं मिल पाया और वल्र्ड हेल्थ डे की अलसुबह उनका निधन हो गया।

बबीता सिंह पति अनुराग टिटोव निवासी महानंदा नगर सेंटमेरी स्कूल में योग टीचर और लेक्चरर के पद पर कार्यरत थीं। उनके पति अनुराग टिटोव साइंस कॉलेज में प्रोफेसर थे। कोरोना की चपेट में आने के कारण दोनों को माधव नगर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां हालत बिगडऩे पर उन्हें प्रायवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। रविवार को अनुराग टिटोव मृत्यु हो गई। इससे पत्नी बबीता सिंह का मनोबल कमजोर हो गया। हालत बिगडऩे पर परिजनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्लाज्मा डोनेट की अपील की। परिजनों ने बताया कि बबीता सिंह को प्लाज्मा थैरेपी देकर उपचार किया गया लेकिन उसका ठीक से सपोर्ट नहीं मिला और अलसुबह करीब 3 बजे बबीता सिंह का निधन हो गया। अनुराग और बबीता योग में दक्ष थे। वे महानंदा नगर में केवल्यम योग अकादमी भी चलाते थे।

बेटियां बैंगलोर में करती हैं जॉब
बबीता के परिचितों ने बताया उनकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी अपराजिता का पिछले वर्ष विवाह हुआ था। दोनों बेटियां बैंगलोर में जॉब करती हैं। अपूर्वा वर्कफ्राम होम के कारण सितम्बर में घर लौट आई थी जबकि बड़ी बेटी माता-पिता के कोरोना पाजिटिव होने की सूचना के बाद उज्जैन आई थीं।

अब नहीं सुन पाएंगे ऊं का नाद
योग में गोल्ड मेडलिस्ट ललिता ठाकुर ने बताया कि बबीताजी ऊं का उच्चारण इस तरह से करती थी कि लगता था भगवान ने उन्हें इसके लिए ही भेजा है। इस तरह की जन्मजात प्रतिभा बहुत कम लोगों में होती है।

आज कुल 4 संदिग्धों की मौत
बुधवार को कोरोना चार संदिग्धों की मौत की सूचना फायर ब्रिगेड से मिली है। बताया जाता है कि मृतकों में दो आरडी गार्डी, एक तेजनकर और एक माधवनगर अस्पताल में उपचार करवा रहे थे।

स्मृति शेष….स्टूडेंट की फेवरेट टीचर और योग में उज्जैन की पहचान बनाने वाली योग गुरु चली गई

मैं ने 15 दिन का कोर्स आज से दो साल पहले किया था, तब वे अकेली ऐसी योग टीचर थी, जो योग विषय में सबसे ज्यादा पारंगत थी। उन्होंने योग में विदेश से आरवायटी 200 और आरवायटी 500 कोर्स भी किया था। इसके अलावा आयुष विभाग से सर्टिफिकेट कोर्स किया था। उनकी योग्यता का इससे ही अंदाजा लगा सकते हैं कि कई डॉक्टर और पढ़े-लिखे लोग उनके पास योग की ट्रेनिंग लेने के लिए आते थे। जितना वे योग में पारंगत और सिद्धहस्त थी, उतनी ही आध्यात्म में पकड़ थी। नेशनल और इंटरनेशल योग के क्षेत्र में उनकी पहचान बनी हुई थी। इतने ज्ञान और सम के बाद भी वे मृदुभाषी थी। सेंटमेरी स्कूल में पीएचडी होल्डर होने के बाद स्कूल के बच्चों को पढ़ाती थी और वे वहां की सबसे फेवरेट टीचर थी। आज भी उज्जैन में उनके समकक्ष दो से पांच लोग ही हैं। उनके निधन से उज्जैन के योग क्षेत्र का सबसे ज्यादा क्षति हुई है।

(जैसा उनके स्टूडेंट आदित्य खंडेलवाल ने बताया)

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