मलेरिया विभाग के जिम्मेदार एलाइजा टेस्ट करवाने की दे रहे राय
उज्जैन।इनदिनों प्रायवेट क्लीनिक पर बुखार की जांच के साथ डेंगू-मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं तो मलेरिया विभाग के रिकॉर्ड में मलेरिया के केवल दो ही मरीज सामने आए है। जबकि डेंगू के मरीजों की संख्या अभी तक शून्य है। चिकित्सा जगत में डेंगू बीमारी की जांच दो प्रकार से की जा रही है, रेपिड टेस्ट और एलाइजा टेस्ट। प्रायवेट क्लीनिक में डॉक्टर्स रेपिट किट टेस्ट से डेंगू की जांच करते है तो सरकारी में एलाइजा टेस्ट से ही जांच की जा रही है। जिला मलेरिया विभाग के अधिकारी डॉ. अविनाश शर्मा की माने तो मलेरिया विभाग केवल एलाइजा टेस्ट को ही मान्य करता है। जिला चिकित्सालय में जनवरी २०२१ से अभी तक मलेरिया के केवल दो मरीज निकले है तो डेंगू के एक भी नहीं, जबकि शहर की विभिन्न प्रायवेट लैब में 100 से ज्यादा मरीज डेंगू और मलेरिया के सामने आ चुके है। हालात यह है कि एक प्रायवेट लैब से रोजाना करीब डेंगू और मलेरिया के तीन से चार मरीज सामने आ रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अविनाश शर्मा से सवाल जवाब
सवाल- जिले में मलेरिया और डेंगू की क्या स्थिति है?
जवाब- जिले में डेंगू के इस वर्ष अभी तक शून्य केस है जबकि मलेरिया के केवल 2 केस आए है।
सवाल- डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए विभाग क्या कर रहा है?
जवाब- जिन स्थानों पर केस निकले है यहां एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा टीम का सर्वे जारी है। 15 दिनों के भीतर गेबुसिया मछली शहर के नदी तालाबों में छोड़ दी जाएगी। ये मछली मलेरिया मच्छर एंडीज को खा जाती है।