उज्जैन:बच्चों में डेंगू मलेरिया का डंक…डॉक्टर्स के पास मरीजों की लंबी कतार

कॉल से नंबर लगाने पर एसएमएस से आ रही अस्पतालों की सूची और साथ में निर्देश

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

advertisement

हॉस्पिटल में भर्ती हो जाओ, मेरा नाम बता देना शुरू हो जाएगा उपचार, मैं कल सुबह देख लूंगा

उज्जैन।शहर में बच्चों को वायरल खांसी, बुखार, जुकाम के बढ़ते मामलों के बीच बच्चों के डॉक्टर्स इतने बिजी हो गए हैं कि वे सुबह से रात तक मरीजों को देखने के बाद यदि कोई नम्बर लगाने के लिए कॉल करता है तो उसके मोबाइल फोन पर हॉस्पिटल की सूची के साथ एक एसएमस आता है- आप इनमें से किसी एक हॉस्पिटल में भर्ती कर दो। वहां जो भी ड्यूटी डॉक्टर हो, मेरा नाम बता देना। वह मुझसे बात करके उपचार शुरू कर देंगे। मैं कल आकर मरीज को देख लूंगा।

advertisement

प्रायवेट और चरक भवन में व्यवस्थाओं के यह हाल

advertisement

गंभीर बीमार बच्चों को लेकर उनके माता-पिता संबंधित हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। ऐसे ही एक खांसी से गंभीर रूप से तड़प रहे बच्चे देवेश के पिता सुनील ने चर्चा में बताया कि हम जब बताए गए हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां पलंग खाली नहीं था। हमें बरामदे में बिस्तर दिया गया। मजबूरी थी,इसलिए भर्ती हो गए।

24 घण्टे बाद भी पलंग नहीं मिल रहा है। हालांकि बच्चा अब खतरे से बाहर है। खांसी चलना कम हो गई है। ऐसे ही हालात शहर के अन्य हॉस्पिटल्स में हैं ओर लोग इसी प्रकार से परेशान हो रहे हैं। जब एक मरीज के परिजन से पूछा गया कि आप लोग प्रायवेट हॉस्पिटल में जमीन पर उपचार करवा रहे हो,चरक भवन क्यों नहीं जाते। मरीज के परिजन हेमंत उपाध्याय ने कहा – यहां जमीन पर उपचार तो मिल रहा है,वहां गए तो पर्चा बनाने में एक घण्टा लगा दिया। उसके बाद बोले कि डॉक्टर जब आएंगे, तब दवा लिखेंगे। ऐसे में मरने के लिए तो नहीं छोड़ सकते बच्चे को ?

सात दिन में फिर लौटकर आ रहा है वायरल बुखार

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.रवि राठौर के अनुसार वायरल बुखार की स्थिति यह है कि पांच दिन में ठीक होने के बाद सात दिन में उसी मरीज में फिर लौटकर आ रहा है। लक्षण कोरोना जैसे हैं। हालांकि यह कोरोना नहीं है। डॉ.के.एन.संघवी के अनुसार पूर्व में वायरल से पीडित बच्चे तीन दिन में ठीक होने लगते थे ओर 10 दिन में इम्युनिटी वापस आ जाती थी। अब इसके उलट है। मरीज को सामान्य होने में 15 दिन लग रहे हैं। इम्युनिटी लौटने में एक महीना भी लग सकता है। इतना अधिक शरीर तोड़ रहा है बुखार-खांसी और जुकाम।

डेंगू-वायरल से बचाव के लिए क्या करें डॉक्टर की सलाह

डॉ.राठौर के अनुसार वायरल बुखार के यह लक्षण हैं-

पहले दिन बदन दर्द, गले में खराश के साथ दर्द, आंखें लाल होना।

दूसरे दिन तेज बुखार,6 वर्ष से कम आयु के बच्चों में तेज बुखार के कारण शरीर पर झटके आना या उससे मिलते जुलते लक्षण।

तीसरे दिन तक कुछ बच्चों को पेट दर्द होना और उल्टी होना।

चौथे दिन तक बुखार बढऩा, खंासी तेज होना, भूख में कमी और कमजोरी।

पांचवे दिन मुंह में स्वाद नहीं आना।

सातवे दिन बुखार की पुन: वापसी।

पुन: दो दिन सामान्य होने में लगते हैं।

वायरल से टोटल मुक्ति 15 दिन में।

15 दिन के बाद वे बच्चे रिकवर नहीं कर रहे जिनको यूरिन कम आ रही हो, बिलकुल खा नहीं रहे हो,उल्टी हो रही हो, श्वान लेने में तकलीफ हो।
विशेष– 5 दिन के बाद कुछ बच्चों में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। इसका सबसे अधिक ध्यान रखा जाए।

Related Articles

close