महाकाल दर्शन करने आए भक्तों की हो रही जमकर फजीहत….
स्टेशन से गोपाल मंदिर ऑटो किराया 150रु. प्रति सवारी
होटल में 1 घंटे के 1000 रुपए तो 40 रु. प्लेट बिके पोहे
अफरा-तफरी मची, कई लोग परिजनों से बिछड़े, सुबह 10बजे बाद स्थिति नियंत्रण में आई
उज्जैन। श्रावण मास के दूसरे सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। रात 2 बजे से ही दर्शनों के लिए कतार में दर्शनार्थी खड़े होने लगे थे। हालत यह हुई कि सुबह ६ बजे से भीड़ में धक्का मुक्की शुरू हो गई। इसे नियंत्रण करने के लिए सुरक्षा गार्डों ने भीड़ पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए।
इससे भगदड़ मच गई और शेड नीचे गिर गया। शेड के नीचे कुछ दर्शनार्थी दबकर घायल हो गए। इधर रेलवे स्टेशन से गोपाल मंदिर 150, रामघाट के 200 रुपए लिए। इसी तरह बाहर से आए लोगों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। इधर होटल वाले भी एक घंटे रुकने के प्रति यात्री एक हजार रुपए तक वसूल रहे हैं। वहीं अगर जो दो से ज्यादा होने पर दो हजार रुपए लिए जा रहे हैं। वहीं पोहे 40रु. प्लेट बिके।
14 जून से श्रावण मास की शुरुआत हुई। इसी के साथ श्री महाकालेश्वर के दर्शनों के लिए देशभर से दर्शनार्थी उज्जैन पहुंचने लगे थे। आज श्रावण मास के दूसरे सोमवार को हजारों की संख्या में देशभर लोग कल से ही आने थे। रात २ बजे से चारधाम मंदिर के बाहर से दर्शनार्थी कतार में लगना शुरू हो गए थे।
मंदिर समिति द्वारा अलग-अलग व्यवस्था की गई है। कतार चारधाम से भी आगे पहुंच गई थी। कई लोग शेड से बाहर भी खड़े हुए थे। रातभर रिमझिम बारिश होती रही और इसमें भीगते रहे। सुबह ६ बजे से भीड़ नियंत्रण से बाहर होने लगी तो मंदिर समिति के कर्मचारियों और सुरक्षा गार्डों ने डंडे बरसाने चालू कर दिए।
निजी वाहन से भी हजारों लोग दर्शनों के लिए आ रहे: टे्रन और बसों के अलावा बड़ी संख्या में इंदौर, मक्सी, शाजापुर, देवास आदि शहरों से लोग निजी वाहनों से भी दर्शनों के लिए आ रहे हैं। इससे इंदौर रोड, देवास रोड और मक्सी रोड पर वाहनों का काफिला भी नजर आ रहा है।
पांच पार्किंग फुल, बाहर तक रखे वाहन: मंदिर समिति द्वारा पांच जगह पर पार्किंग बनाई है। निजी वाहनों से हजारों श्रद्धालु आए हैं। इससे सभी पार्किंग फुल हो गई है। पार्किंग के बाहर सड़कों पर भी सैकड़ों वाहन रखे हुए है जिससे पैदल चलने वालों को भी परेशानी हो रही हैं।
रेलवे स्टेशन और शहर में मची रेलमपेल: शनिवार से ही दर्शनार्थी उज्जैन पहुंचने लगे थे। बाहर से आने वाली टे्रनों और बसों में यात्रियों की भीड़ हैं। रात २ बजे यह हालत थे कि स्टेशन के सभी प्लेटफार्म से लेकर बाहर तक भीड़ नजर आ रही थी। यहां से लोग पैदल ही मंदिर की ओर चल पड़े जिससे पूरे शहर में रेलमपेल मची रही।