उज्जैन के लोन की ठगी के मामले में पेंच फंसा,पुलिस उलझन में

कंपनी की शिकायत पर फरियादी इंदौर पुलिस की हिरासत में
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उज्जैन। देवास रोड स्थित इंडस्ट्रीयल एरिया में फार्मा कंपनी संचालित करने वाले निवासी मणिविहार चिंतामन निवासी से लोन के नाम पर ठगी के मामले में पेंच फंसा गया है। दरअसल उज्जैन में जिस व्यक्ति ने ठगी होने का प्रकरण दर्ज कराया है,उसे इंदौर पुलिस ने केएम दस्तूर इश्योरेंस ब्रोकर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शिकायत पर हिरासत में लिया हैं। वहीं चार आरोपियों को इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
इंदौर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नई दिल्ली की इश्योरेंस कंपनी से 35 करोड़ की ठगी के मामले में इंदौर की खजराना पुलिस ने उत्तरप्रदेश के चार लोगों को पकड़ा है। इस मामले में सभी से पूछताछ की जा रही है। बताया जाता है कि इस मामले मे बोकेम प्राइवेट पैरेंटल लिमिटेड के कथित अफसर उज्जैन के सुनील जैन को गिरफ्तारी किया है। इंदौर पुलिस के मुताबिक 35 करोड़ की धोखाधड़ी को लेकर पुलिस ने डॉक्यूमेंट जब्त किए थे।
इस मामले में पुलिस ने अभी शमीम अहमद पुत्र जब्बार अली निवासी सरियामा उत्तर प्रदेश, राम गोपाल पुत्र सत्यप्रकाश जयसवाल निवासी टिकरी गोंडा यूपी, जितेन्द्र पुत्र कोमल यादव निवासी गोंडा यूपी और अवधेन्द्र पुत्र राजितराम वर्मा निवासी अंबेडकर नगर यूपी को पकड़ा है। इस मामले में पुलिस अब सभी की भूमिकाओं की जांच कर रही है।
डिजीटल पेमेंट से बच गई वारदात
इस मामले में बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों ने केएम दस्तूर कंपनी के संजीव शाह को कॉल कर जानकारी मांगी थी। जिसके बाद उन्होंने बताया था कि वह अन्य कंपनियों को अपना चेक जारी नही करते। पिछले कई सालों से चेक से कंपनी ने पेमेंट लेनदेन ही बंद कर दिया है। डिजीटल पेमेंट से ही पूरा काम किया जा रहा है। जिसके बाद बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने चेक बैंक में ही रख लिया था। जो बाद में केएम दस्तूर कंपनी के डायरेक्टर को भेजा गया था। पुलिस के अनुसार चेक पुराना है और इस पर फर्जी हस्ताक्षर है।
बैंक में चेक लगाया, कंपनी वालों ने कहा- चेक हमने जारी नहीं किया
उत्तरप्रदेश निवासी तीनों युवकों से 35 करोड़ का जो चेक लिया, वह केएम दस्तूर इश्योरेंस ब्रोकर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से जारी था। जैन ने ये चेक बैंक ऑफ इंडिया में क्लियरेंस के लिए लगाया। बड़ी रकम होने पर बैंक प्रबंधन ने इसे वेरिफाई किया। संबंधित कंपनी ने कहा कि इस तरह का कोई चेक उनके द्वारा नहीं जारी किया। साइन भी फर्जी बताए गए हैं।
10 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत
देवास रोड स्थित इंडस्ट्रीयल एरिया में फार्मा कंपनी संचालित करने वाले सुनील जैन निवासी मणिविहार चिंतामन से लोन के नाम पर 10 लाख रुपए की धोखाधड़ी होने की शिकायत चिंतामन में की थी। इसमें बताया था कि मणि विहार स्थित घर पर आकर तीन युवकों ने संपर्क किया। खुद को लोन दिलाने वाला बताकर झांसे में लिया। इश्योरेंस कंपनी के नाम पर 35 करोड़ रुपए लोन का फर्जी चेक देकर फरार हो गए।
चिंतामन थाना पुलिस के जांच अधिकारी नरेंद्र कनेश के मुताबिक इंदौर खजराना पुलिस से मामले में जानकारी लेकर उज्जैन में दर्ज प्रकरण की जानकारी दी गई। आरोपियों को इंदौर पुलिस ने रिमांड पर लिया है। इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए पहले उज्जैन में दर्ज प्रकरण मेें ठगी के आरोपियों की गिरफ्तारी ली जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाइ्र होगी। जहां तक सुनील जैन निवासी मणिविहार चिंतामन पर कार्रवाई का सवाल है,इंदौर पुलिस की कार्रवाई/आरोप पत्र को देखने के बाद न्यायिक और कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई का निर्धारण किया जाएगा।
चेक देकर उलझ गए जैन:
इस मामले में पुलिस ने बोकेम पेरेटल प्रायवेट लिमिटेंड से जुड़े सुनील जैन के उज्जैन स्थित घर पर भी दबिश दी थी।। वैसे पुलिस सूत्रों के अनुसार उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों ने पुलिस को बताया था कि सुनील जैन खुद ही उक्त चेक लेकर वहां पहुंचे थे। जब सुनील जैन से बैंक के अधिकारियों ने बात की तो उन्होंने किसी एग्रीमेंट का जिक्र कर उन्हें चेक दिए जाने की बात कही थी।









