उज्जैन: बीती शाम 7 बजे से तीस से अधिक कॉलोनियों की बत्ती गुल

विद्युत कंपनी के दावे-इंतजाम की खुली पोल
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उज्जैन।दो तीन से उमस भरे दिन-रात ने इंद्र के बरसने का इशारा कर दिया था कि वो मेहरबान होने वाले है…शनिवार की शाम चली धूल -भरी आंधी ने शहरवासियों को इंतजाम के लिए चेता दिया कि इंद्र जमकर बरसने वाला है…।
तेज हवा और बरसात ने विद्युत कंपनी के दावे और व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। शहर के अधिकांश हिस्सों की बिजली बंद हो गई,चालू भी हुई आधी रात के बाद 2-3 बजे। शहरे के बाहरी हिस्सों की स्थिति तो बहुत ही खराब रही। शनिवार शाम को ७ बजे से गुल हुई बिजली सुबह तक नहीं लौटी थी।
शहर का फैलाव,विकास और सौंदर्यीकरण हो गया है,लेकिन वर्षो से चली आ रही समस्याओं से निजात नहीं मिल रही। बिजली के एक दिक्कत ऐसी है कि जरा भी तेज हवा चली या पानी बरसा तो बिजली गुल यह समस्या बिजली विभाग की लापरवाही, बेपरवाही और गैरजिम्मेदारी बरसों से नही सुधरी।
गोधूली बेला से ही गरज के साथ पूरे शहर में इंद्रदेव मेहरबान हुए और जमकर बरसे। प्री-मानसून में भी इंद्र पूरे मूड में थे और बरसकर अति उमस से निजात दिलाई,जिसका शहरवासियों ने दिल से स्वागत भी किया पर। बिजली विभाग की सेवाओं ने लगभग तीन/ चौथाई शहर में दम तोड़ दिया। इंतजाम हमेशा की तरह चरमरा गए। विद्युत कंपनी की मानसून पूर्व तैयारी फेल हो गई और नाकामी और लापरवाही सामने आ गई। देर रात तक बिजली का अत्ता-पता नहीं था।
प्री-मानसून: शहर तरबतर, एक इंच से अधिक बरसा पानी
शनिवार शाम को प्री-मानसून का जोरदार आगाज हुआ। जिलेभर में जोरदार बारिश हुई। इसके बाद रिमझिम का दौर रात 11 बजे तक चलता रहा। इस दौरान करीब 1 इंच बारिश हुई जिसने भीषण गर्मी से राहत दी। तापमान में भी गिरावट आई। शनिवार को मालवांचल में मौसम ने करवट बदली।
शाम को तेज आंधी और बिजली की चमक के साथ जोरदार बारिश हुई। बारिश ने शहर को तरबतर कर दिया। गर्मी और उमस से राहत मिली। मौसम विभाग ने आज भी बारिश की संभावना जताई है। जीवाजी वेधशाला के मुताबिक २६.० मिमी (एक इंच से अधिक) वर्षा दर्ज की गई। वहीं शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान ३९.५ डिग्री और न्यूनतम तापमान २३.५ डिग्री दर्ज किया गया।
नगर के बाहरी क्षेत्र में हालात बहुत ही खराब
शहर के कई हिस्सों में तो रात2-3 बजे के आसपास विद्युत सप्लाय बहाल हो गई, लेकिन शहर सीमा के करीब ग्राम पंचायत क्षेत्रों की ३० से अधिक कॉलोनियों में शाम 7 बजे के बाद से बिजली ही नहीं थी।
कॉलोनाइजरों द्वारा दिखाए सपने से प्रभावित हो कर इंदौर, देवास, आगर रोड और चिंतामन बायपास पर अनेक ग्राम पंचायतों में तिरूपति डायमण्ड, तिरूपति ड्रीम्स, तिरूपति प्लेटिनम, तिरूपति हिल्स, हाटकेश्वर विहार, हाटकेश्वर हिल्स, शिवगंगा, नाकोड़ाधाम, नाकोड़ा हिल्स, कल्पतरू, कल्पवृक्ष, पद्मावती एम्पायर, शिवांश सिटी, शिवांश एवेन्यू, नागेश्वर धाम, एमपी नगर, मंगलधाम सहित ५० से अधिक कॉलोनी के रहवासी विद्युत कंपनी के साथ कॉलोनाइजरों-बिल्र्डस को कौंस रहे थे। इन क्षेत्रों की अधिकांश कॉलोनियों में समाचार लिखे जाने तक बिजली गुल थी।
कहीं पर आंख मिचौली चल रही थी, तो कहीं वोल्टेज नहीं होने से बल्ब भी दीपक की तरह टिमटिमा रहे थे। अधिकारियों द्वारा फोन न उठाने की अदा तो बरसों से बेमिसाल है। किसी अधिकारी ने कहीं गलती से फोन उठ भी गया तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
इनका कहना है
जहां जहां भी समस्या आई उसे दुरुस्त कर दिया गया। जहां रात में फाल्ट ठीक नहीं हो सका था वहां सुबह ठीक करा दिया गया। हालांकि पहली बारिश में इस तरह की समस्या आती है। उम्मीद है अब आगे ऐसा नहीं होगा।
आशीष आचार्य, अधीक्षण यंत्री, बिजली कंपनी उज्जैन
ये कैसा मेंटेनेंस: प्री-मानसून में ही अंधेरे में डूब गए कई इलाके
शहर में देर रात को लुकाछिपी के बीच लौटी बिजली
शहर में शनिवार देर शाम हुई हल्की बारिश ने बिजली विभाग के प्री-मानसून मेंटेनेंस की पोल खोल दी। आलम यह रहा कि दो से तीन घंटे की बारिश में करीब 15 बार बिजली गुल हुई और रात भर बिजली का आना- जाना चलता रहा। शहर समेत ऐसा कोई इलाका नहीं बचा, जहां लोग बिजली को लेकर परेशान न हुए हो। बता दें कि हर साल विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बारिश से पहले प्री-मानसून मेंटेनेंस कार्य किया जाता है।
ताकि बारिश में विद्युत सप्लाई व्यवस्था में दिक्कते न हो। लेकिन हर साल की तरह इस साल भी बिजली विभाग का मेंटेनेंस पहली ही बारिश में फेल हो गया।
जो बिजली कंपनी के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा हैं। बरसात के कारण शहर के विभिन्न हिस्से देर रात तक अंधेरे में डूबे रहे। इससे एक ओर जहां शहरवासी भीषण गर्मी में परेशान होते रहे। वहीं विद्युत आपूर्ति बहाल करने में विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा।
कहीं इंश्यूलेटर पंक्चर तो कहीं जंफर ब्लास्ट: कंपनी के अधिकारी रवीकांत मालवीय ने बताया कि बारिश के दौरान ११ केवी और 33 केवीए की लाइन बाधित हो गयी।
इससे कई क्षेत्रों के ट्रांसफार्मर के जंफर उड़ गए। इसके अलावा कई जगहों पर इंश्यूलेटर पंक्चर हुआ तो कहीं जंफर फट गए। जिससे बिजली सप्लाई की समस्या गंभीर हो गई।