प्रभारी डॉक्टर ने कहा… पोस्ट कोविड मरीजों में ऐसे लक्षण हो सकते हैं
उज्जैन।कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों को ब्लैक फंगस की शिकायत होने पर जिला चिकित्सालय के अलग-अलग वार्डों में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। गुरुवार को इन मरीजों को नर्सों द्वारा इंजेक्शन लगाए गए, जिसके बाद सभी मरीजों की तबियत अचानक बिगडऩे लगी। दो मरीजों की हालत अधिक खराब होने पर उन्हें रैफर भी किया गया। ब्लैक फंगस की नोडल अधिकारी ने बताया कि सभी मरीज पोस्ट कोविड हैं और ऐसे लक्षण हो सकते हैं।
जिला चिकित्सालय के अलग-अलग वार्डों में ब्लैक फंगस से पीडि़त कुल 35 मरीज भर्ती होकर उपचार करवा रहे हैं। गुरुवार को इन मरीजों को लाइकोसोनोजोल दवा की जगह लिपिड कंपलेक्स इंजेक्शन दिया गया। जिसके बाद मरीजों को ठंड लगकर बुखार और घबराहट व उल्टी की शिकायत हुई। इनमें से एक वार्ड में भर्ती महिला मरीज रेशमबाई को आरडी गार्डी व दूसरे वार्ड से अजय बैरागी को इंदौर रैफर किया गया।
ब्लैक फंगस की नोडल अधिकारी डॉ. अंशु अरोरा ने बताया कि वार्डों में ब्लैक फंगस के मरीज पोस्ट कोविड हैं, उनके फेफड़े पूर्व से ही खराब हो चुके हैं। उपचार के दौरान इस प्रकार के लक्षण हो सकते हैं। एफ वार्ड में भर्ती 14 मरीजों में से 10 मरीजों में ब्लैक फंगस के गंभीर लक्षण हैं। ब्लैक फंगस के उपचार के लिये शासन द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे इंजेक्शन गुरुवार को उपलब्ध नहीं हुए थे।
वार्ड की एक समस्या यह भी
जिला चिकित्सालय की दूसरी मंजिल पर एफ वार्ड, हड्डी वार्ड में ब्लैक फंगस के मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। हड्डी वार्ड के पास संक्रमित मरीजों को रखने से हड्डी संबंधी बीमारी का उपचार कराने वाले मरीजों और उनके परिजनों में भय की स्थिति बन रही है। मरीजों ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज ही ब्लैक फंगस से ग्रसित हो रहे हैं ऐसे में दूसरी बीमारियों के मरीजों में संक्रमण का भय बना हुआ है।