उज्जैन-मामला: 28 फरवरी 2021 को टाटा के चैम्बर से युवा वकील की मौत का

By AV NEWS

186 दिन लगा दिए पुलिस ने जांच करने में…

टाटा कंपनी ने 10वीं पास को बना रखा था सुपरवाइजर, इसके और इंजीनियर के खिलाफ प्रकरण दर्ज

उज्जैन।28 फरवरी की देर रात अपनी नई बुलेट से घर लौट रहे युवा वकील की इंदौरगेट क्षेत्र में टाटा कंपनी द्वारा सीवर प्रोजेक्ट के तहत बनाये गये अमानक चैम्बर से टकराने के बाद मृत्यु हो गई थी। महाकाल पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर 186 दिनों तक जांच की और 2 सितम्बर की रात 10 बजे कंपनी के 10 वीं पास सुपरवाइजर और इंजीनियर के खिलाफ धारा 304 ए के तहत प्रकरण कायम किया है।

इस ढक्कन से उछली थी अक्षत की बाइक

गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी के सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत टाटा कंपनी द्वारा शहर के 24 वार्डों में ड्रेनेज लाइन डालने का कार्य बीते तीन वर्षों से किया जा रहा है। शर्तों के अनुसार सड़क की खुदाई करने के बाद कंपनी को सड़के पूर्व की स्थिति में निर्मित कर देना है। इसके बावजूद सड़क की रिपेरिंग व चैम्बर निर्माण में लगातार कंपनी की लापरवाही सामने आ रही है। कई जगह सड़के खराब है तो चैम्बरों की हालत खराब है।

प्रायवेट इंजीनियर ने बताया चैम्बर अमानक

पुलिस ने जिस चैम्बर से अक्षत शर्मा की बुलेट टकराई थी उसकी जांच प्रायवेट इंजीनियर से कराई तो इंजीनियर ने बताया कि चैम्बर सड़क के लेवल से 65 मिमी (लगभग 3 इंच से कुछ कम) बना हुआ है जो अमानक स्तर का है। ऐसे चैम्बर से टकराने पर दुर्घटनाएं होती हैं।

यह था मामला: अक्षत शर्मा पिता उमेश शर्मा 24 वर्ष निवासी क्षीरसागर कालोनी 28 फरवरी की रात दोस्तों के साथ अपनी नई बुलेट से हरिफाटक ब्रिज से इंदौरगेट की तरफ आ रहा था। गदापुलिया से आगे रात 1.40 बजे के करीब अक्षत शर्मा की बुलेट टाटा कंपनी द्वारा बिछाई गई सीवर लाइन के चैम्बर से टकराई। अक्षत उछलकर रोड़ डिवाइडर से टकराया और उसकी मृत्यु हो गई थी। मामले में महाकाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की थी। मामूली मर्ग जांच में पुलिस द्वारा महीनों गुजारने पर अक्षत के परिजनों ने पुलिस अफसरों से शीघ्र जांच पूरी कर दोषियों को सजा दिलाने की गुहार भी लगाई थी।

शहर में अब भी दर्जनों अमानक चैम्बरों से हो रही दुर्घटनाएं
टाटा कंपनी की लापरवाही, अयोग्य कर्मचारियों की अनदेखी और अमृत मिशन अफसरों की भ्रष्ट कार्यप्रणाली का परिणाम है कि शहर में चल रहे करोड़ों रुपये लागत के सीवर लाइन प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनाये जा रहे चैम्बर, खोदी गई सड़कों का असंतुलित सीमेंट कांक्रीटीकरण से वाहन चालकों की जान खतरे में बनी हुई है। वर्तमान में भी शहर की मुख्य सड़कों पर अनेक चैम्बर ऐसे बने हुए हैं जिनका सड़क से लेवल नहीं है और वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

ऐसे चली पुलिस की जांच

पुलिस ने सबसे पहले घटना स्थल के आसपास स्थित होटल, दुकान व मकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चैक किये जिसमें स्पष्ट हुआ कि चैम्बर से बुलेट टकराने पर दुर्घटना हुई। इसके बाद पुलिस ने अधीक्षण यंत्री अमृत मिशन नगर निगम को पत्र लिखकर सीवर लाइन प्रोजेक्ट के ठेकेदार की जानकारी मांगी। अधीक्षण यंत्री ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि उक्त काम टाटा प्रा.लि. कंपनी द्वारा किया जा रहा है। पुलिस ने टाटा कंपनी के हेड से गदा पुलिया से लेकर इंदौरगेट तक काम करने वालों की जानकारी मांगी तो पता चला कि सीवर लाइन पर चैम्बर बनाने का काम सुपरवाईजर अनवर पिता रफिक निवासी चक कासल बरसाती जिला गुना हालमुकाम आरएन इन्फ्रा प्रा.लि. की देखरेख और इंजीनियर जुबैर पिता मंजूर एहमद निवासी रावतभाटा चित्तौडग़ढ़ हालमुकाम ग्रीन पार्क कालोनी की अनुशंसा पर हुआ है।

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