उज्जैन: शहर में डेंगू का डंक : मलेरिया और फीवर के मरीज भी बढ़े

By AV NEWS

उज्जैन में 75 से अधिक पैथलॉजी लैब, हर एक पर रोज औसत 40 लोग पहुंच रहे जांच कराने अधिकतर अस्पतालों में बेड फुल…

अक्षरविश्व प्रतिनिधि.उज्जैन। कोरोना संक्रमण का खतरा अभी कम भी नहीं हुआ था कि शहर में अब डेंगू फैल चुका है। स्थिति यह है कि अनेक लोग प्रायवेट अस्पताल में भर्ती हैं और कई लोग प्रायवेट डॉक्टरों को दिखाने के बाद घरों पर रहकर उपचार ले रहे हैं। बावजूद इसके शासन का मलेरिया, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी के खतरे को लेकर अब तक उदासीन बना हुआ है।

शहर की एक प्रमुख पैथालॉजी लैब से प्राप्त जानकारी के अनुसार डेंगू की जांच कराने वाले मरीजों का चौंकाने वाला आंकडा सामने आया। वहां के कर्मचारी ने बताया कि ठण्ड लगकर बुखार आने और दो-तीन दिनों तक दवा लेने के बाद भी आराम नहीं पडऩे पर लोगों को प्रायवेट डाक्टर्स डेंगूू की जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। लैब पर प्रतिदिन 80 से 90 लोग ब्लड सेंपल देकर डेंगू की जांच करा रहे हैं। हालांकि इनमें से कितने लोगों को डेंगू हुआ इसकी जानकारी जांच कराने वाले डॉक्टर ही देते हैं। डेंगू की जांच का चार्ज 700 रुपए लिए जा रहे है और रिपोर्ट 5 से 7 घंटे के बाद मरीज अथवा उनके परिजनों को दे दी जाती है। शहर में ऐसी 75 से अधिक प्राइवेट पैथलॉजी लैब हैं। यदि इन पर जांच कराने आने वाले लोगों की औसत संख्या 40-50 भी माने तो इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की डेंगू/मलेरिया किस हद तक हमारे बीच अपने पैर पसार चुका है।

जिला चिकित्सालय ओपीडी में मलेरिया विभाग से संबद्ध एक कर्मचारी की ड्यूटी सिर्फ इसलिये लगाई गई है कि वह ओपीडी में आने वाले मरीज को मलेरिया के लक्षण होने पर उसके ब्लड का सेंपल लेगा और स्लाईड से जांच के बाद दूसरे दिन उसे रिपोर्ट दी जायेगी, इसके अलावा अस्पताल में एक लैब भी है जहां मरीज के ब्लड सेंपल लेकर मलेरिया और डेंगू की जांच की जाती है, लेकिन अफसरों की अनदेखी के कारण लैब के हालात बदतर हैं। यहां के कर्मचारी 8 से 10 ब्लड सेंपल एकत्रित होने का इंतजार करते हैं और फिर जांच के 7 से 8 दिन के बाद मरीजों को रिपोर्ट दी जा रही है।

सीधी बात

डॉ. सच्चिदानंद भिलवार जिला अस्पताल लैब पैथालॉजिस्ट

प्र. लैब में प्रतिदिन डेंगू की जांच कराने कितने लोग आ रहे हैं
उ. वर्तमान में प्रतिदिन लोगों की संख्या 30 से 40 के बीच बनी हुई है।

प्र. कितने लोगों को डेंगू प्रतिदिन निकल रहा है
उ. फिक्स आंकडा देना मुश्किल है, अनुमान के मुताबिक 5 से 8 लोग मान सकते हैं।

प्र. सेम्पल लेने के कितने समय बाद रिपोर्ट देते हैं
उ. यदि सुबह सेम्पल दिया गया है तो शाम को रिपोर्ट देते हैं और दोपहर बाद वालों को अगले दिन।

प्र. लोगों का कहना है 7 से 8 दिन में रिपोर्ट मिलती है, प्राइवेट लैब में कुछ ही घंटो में आ जाती है?
उ. हां यह बात सही हो सकती है क्योंकि हमारी लैब में शासन निर्देशानुसार एलाइजर मशीन से टेस्ट होता है। सेम्पल की जांच के लिये कंट्रोल सीरा लगाना होता है जो 20 से कम सेम्पल होने पर नहीं लगा सकते। इसलिए हम 20 सैंपल इक_े होने का इंतजार करते हैं। प्रायवेट लैब में रेपिड किट से टेस्ट किया जाता है इस कारण रिपोर्ट जल्द मिल जाती है।

मलेरिया, डेंगू की रोकथाम व उपचार के उपाय हुए ठप्प

शासन द्वारा मच्छरों से होने वाली बीमारी मलेरिया व डेंगू की रोकथाम के लिये अलग से मलेरिया विभाग बनाया है। वर्तमान में मलेरिया विभाग के अफसर और कर्मचारी शहर में व्याप्त मच्छरों की समस्या का निदा नही नहीं कर पा रहे। मलेरिया विभाग के अफसरों का कहना है कि किसी वार्ड अथवा मोहल्ले में डेंगू का मरीज मिलता है और उसके परिजन विभाग को सूचना देते हैं तो मच्छरों को मारने वाली दवा का छिडकाव किया जाता है।

नगर निगम द्वारा मच्छरों की रोकथाम और उन्हें नष्ट करने के लिये फॉगिंग की जाती है। गर्मी का पूरा सीजन निकल गया लेकिन नगर निगम द्वारा कागजों पर ही फॉगिंग कराना दिखाया। वर्तमान में शहर के लोगों द्वारा मच्छरों की समस्या बढने के बाद नगर निगम अफसरों से फॉगिंग कराने का आवेदन दिया लेकिन निगम अफसरों द्वारा अभी तक शहर में फॉगिंग शुरू नहीं कराई गई है।

Share This Article