फिलीपींस और चायना से ऑपरेट हो रहा है सर्वर
उज्जैन। ऑनलाइन एप से लोन दिलवाने, लोन की किश्त जमा नहीं होने पर बदनाम करने की धमकी देकर रुपए उड़ाने की कोशिश भी होने लगी है। हालांकि इस तरह का कोई मामला फिलहाल उज्जैन में सामने नहीं आया है, लेकिन प्रदेश क्राइम ब्रांच के समक्ष अलग-अलग स्थानों के ऐसे
कई मामले आए हैं।
सायबर फ्रॉड को लेकर एक अलग तरीका सामने आ रहा है। सूत्रों के अनुसार इसमें फर्जी नंबर से कॉल कर धमकाया जाता है कि आपके कर्मचारी, परिचित और स्टाफ के साथी ने लोन नहीं चुकाया है। आप लोग उन्हें किस्त भरने का कहें। ऐसा करने से इनकार करने पर बदनाम करने की धमकी दी जाती है। गई। क्राइम ब्रांच के पास बड़ी संख्या में इस तरह की शिकायतें पहुंची हैं। ऑनलाइन एप से लोन दिलवाने के नाम पर, लोन लेने वाले और उनके परिचितों को टारगेट करने की हैं। क्राइम ब्रांच की अब तक की जांच में पता चला है कि इस तरह की शैल कंपनियां फिलीपींस और चायना से ऑपरेट हो रहे सर्वर से चल रही हैं।
274 एप बैन, नए नामों से फिर हुए सक्रिय
12 जून 2021 को दिल्ली की साइबर सेल ने इस तरह के एक केस में 150 करोड़ की धोखाधड़ी पकड़ी थी। मामले में तिब्बत की एक महिला सहित नौ को गिरफ्तार किया था। इन्होंने मोबाइल एप के जरिए तत्काल लोन दिलवाने के नाम पर पांच लाख लोगों से धोखाधड़ी की थी। इन आरोपियों ने 2 माह में 110 शैल कंपनियां (सिर्फ कागजों पर फर्जी ढंग से रजिस्टर्ड कंपनी) बनाकर 150 करोड़ का ट्रांजेक्शन विदेशी बैंकों में किया है।
इन कंपनियों के सर्वर बेंगलुरू, कोलकाता, चैन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद जैसे शहरों में दर्शाए गए, लेकिन इनके मुख्य सर्वर चायना के होना पाए गए थे। इसके बाद 14 फरवरी 2022 को केंद्र सरकार ने 274 लोन एप बैन कर दिए थे। नए नामों से ये एप फिर सक्रिय हो गए हैं।
ऐसे बच सकते हैं इस तरह की ठगी से
मोबाइल एप के जरिए लोन लेने के इच्छुक सबसे पहले सिबिल (क्रेडिट इनफर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) की वेबसाइट पर जाकर एप की जानकारी डालकर उसकी डिटेल पता कर लें कि वह सिबिल में रजिस्टर्ड है या नहीं। नहीं है तो फर्जी हो सकता है।
यदि उक्त एप सिबिल में रजिस्टर्ड है तो वह लोन देने के साथ अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी उपलब्ध करवाएगा। यदि उपलब्ध नहीं करवाते हैं तो फर्जी हैं।
कई बैन किए गए लोन एप प्ले स्टोर पर नहीं दिख रहे तो भी सतर्क रहें। क्योंकि आम लोगों को टारगेट करने के लिए ये उनके मोबाइल नंबर पर वाट्सएप मैसेज, टेक्स्ट मैसेज या लिंक भेजकर भी फंसा सकते हैं।
कई कंपनियां फर्जी दस्तावेजों पर बनी हैं लेकिन उनके सर्वर फिलीपींस व चायना से ऑपरेट हो रहे हैं। ये बड़ा संगठित गिरोह है। मोबाइल एप पर सोच-समझकर ही लोन लें।
5 से लेकर 25 हजार रुपए तक का लोन एप डाउनलोड होते ही दे देते हैं
चायना से संचालित अधिकांश लोन एप लोगों को लिंक भेजते ही या उनके द्वारा एप डाउनलोड करते ही तत्काल उनकी डिमांड के अनुरूप 5 से 25 हजार रुपए भेज देते हैं। इसी दौरान ये उनके गूगल ड्राइव से सिंक्रोनाइज्ड पूरे डेटा को हैक कर लेते हैं।