उज्जैन:12 घंटे में 6 नए कोरोना संदिग्धों की मौत

By AV NEWS

मोतीनगर श्मशान घाट पर लग रही वेटिंग

उज्जैन। शहर के प्रायवेट और सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन कोरोना संदिग्धों की मौत हो रही है। प्रशासन द्वारा कोरोना मरीजों और संदिग्धों के शवों के अंतिम संस्कार के लिये मोती नगर त्रिवेणी स्थित श्मशान घाट रिजर्व किया है। यहां पर सीएनजी मशीन में शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है, लेकिन एक शव के अंतिम संस्कार में दो घंटे का समय लगने के कारण दूसरे शव को जलाने में वेटिंग लग रहा है।

पिछले 12 घंटे में 6 नये कोरोना संदिग्धों की मृत्यु हुई है। माधवनगर में 3, आरडी गार्डी में दो और देशमुख अस्पताल में 1 कोरोना संक्रमण के कारण भर्ती हुए मरीजों की मृत्यु हुई है। यह कोरोना मरीज थे या संदिग्ध इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है, लेकिन छह ही शवों का अंतिम संस्कार मोती नगर त्रिवेणी स्थित श्मशान घाट पर होगा। यहां सीएनजी शवदाह मशीन में एक शव को जलाने में दो घंटे का समय लगता है ऐसे में यदि तीन शव अंतिम संस्कार के लिये पहुंचते हैं तो दो शवों को लेकर पहुंचे परिजनों को इंतजार करना पड़ रहा है।

चक्रतीर्थ की एक मशीन नहीं सुधरी: चक्रतीर्थ पर दो विद्युत शवदाह मशीनें हैं जिनमें से एक खराब है। पूर्व में चक्रतीर्थ की एक मशीन को कोरोना संदिग्धों के लिये आरक्षित थी। वही मशीन बंद पड़ी है ऐसे में कोरोना मरीजों और संदिग्धों के अंतिम संस्कार के लिये लोगों को मोती नगर जाना पड़ रहा है और वहां वेटिंग चल रहा है।

शासकीय माधव नगर में 3 मौतें
शासकीय माधव नगर में कोरोना और कोरोना संदिग्ध मरीजों का उपचार चल रहा है। इस हास्पिटल में 90 प्रतिशत से कम ऑक्सिजन वाले मरीजों को उपचार दिया जा रहा है। यहां गंभीर स्थिति वाले मरीजों की संख्या अधिक है। चर्चा में नोडल अधिकारी डॉ. एच.पी. सोनानिया ने बताया कि अधिकांश मरीजों को उनके परिजन लेकर आते हैं तब लक्षण कोरोना के होते हैं, जबकि आधे की रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है लेकिन सभी का ऑक्सिजन लेवल कम रहता है। अभी की स्थिति में भर्ती होने वाले मरीजों में दो प्रकार के लक्षण देखे जा रहे हैं पहला सिटी स्कैन में सामान्य रूप से फेफड़े 20 से 40 प्रतिशत तक प्रभावित रहते हैं। यह संक्रमण तेजी से बढ़ता जाता है। दूसरी स्थिति में ऑक्सिजन का लेवल तेजी से कम होता जाता है।

नागरिकों से अपील: डॉ. सोनानिया ने शहरवासियों से अपील की है कि सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी स्थिति को हल्के में न लें। तुरंत फीवर क्लिनिक पहुंचे और जांच करवाएं। जांच करवाने में देरी का कारण ही परेशानी बन रहा है।

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