उत्तर विधानसभा : दूसरे के नाम वोट देने पहुंची महिला को पकड़ा

19 घंटे बाद भी शिकायत अप्राप्त, पुलिस ने नहीं किया प्रकरण दर्ज

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:उज्जैन विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को मतदान के दौरान उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र में एक महिला किसी अन्य महिला के नाम से वोटिंग के लिए पहुंची थी। बूथ पर मौजूद कांग्रेस के अभिकर्ता ने पहचान कर महिला के वोटिंग करने पर आपत्ति ली। इसके बाद महिला को वोट नहीं डालने दिया। घटना के १९ घंटे बाद (शनिवार सुबह ११.३० तक) पीठासीन अधिकारी की लिखित शिकायत थाने नहीं पहुंचने के कारण पुलिस ने कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया है।

उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र के लिए चल रहे मतदान के दौरान शाम करीब 4.30 बजे विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 19 के पोलिंग बूथ क्रमांक 165 पर मौजूद कांग्रेस उम्मीदवार माया त्रिवेदी के बूथ अभिकर्ता जितेंद्र परमार की आपत्ति के बाद वोटिंग करने पहुंची महिला लीना जैन को वोट देने से रोका गया था। महिला ईशा झालानी के नाम की पर्ची लेकर वोट देने पहुंची थी। पीठासीन अधिकारी द्वारा नाम का सत्यापन करने के बाद महिला ने वोट रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी कर दिए। उसकी अंगुली पर स्याही भी लगा दी गई थी।

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महिला वोटिंग के लिए ईवीएम पोस्टल यूनिट की तरफ बढ़ी थी। तभी अभिकर्ता जितेंद्र परमार ने पीठासीन अधिकारी के समक्ष आपत्ति लेकर कहा कि महिला का पहचान-पत्र देखा जाए। महिला के पास पहचान पत्र नहीं होने पर दूसरे के नाम से वोट देने प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई। इस बात को लेकर बूथ पर जमकर हंगामा हुआ। विवाद बढ़ता देख पुलिस ने हस्तेक्षप किया। इस दौरान महिला ने स्वीकार किया कि वह ईशा झालानी के नाम वोट देने पहुंची थी। इसके लिए मनीष पीपाड़ा ने वोट पर्ची दी। हंगामा होने पर वह भी वहां से भाग गया। महिला को पुलिस के हवाले कर दिया।

पीठासीन अधिकारी ने नहीं दिया आवेदन

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अभिकर्ता परमार ने बताया कि फर्जी मतदान पर उनके द्वारा पीठासीन अधिकारी के सामने आपत्ति ली गई थी। फर्जी मतदान का मामला सामाने आने के बाद अभिकर्ता या उम्मीदवार सीधे थाने में प्रकरण दर्ज नहीं करा सकते है। नियमानुसार आपत्ति के बाद पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह प्रकरण दर्ज कराने की प्रक्रिया पूर्ण कर पुलिस में लिखित शिकायत करें। पीठासीन अधिकारी ने महिला द्वारा फर्जी नाम से वोट डालने आने के मामले में कोई शिकायत नहीं की है। इधर थाना कोतवाली के अनुसार उक्त मामले में पीठासीन अधिकारी की कोई भी शिकायत पुलिस को शनिवार सुबह ११.३० तक नहीं मिली है। ऐसे में प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है।

न्यायालय की शरण लेगे

महिला को फर्जी वोट देने से रोकने वाले बूथ अभिकर्ता परमार ने बताया कि उन्होंने पीठासीन अधिकारी नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा था। पीठासीन अधिकारी ने यदि कार्रवाई नहीं की या पुलिस में आवेदन नहीं दिया तो वे इसकी शिकायत भारत निर्वाचन आयोग को करने के साथ न्यायालय की शरण लेगे।बता दें कि वार्ड19 के बूथ 165 पर क्षेत्र के करीब 900 वोटर है। कांग्रेस अभिकर्ता परमार क्षेत्र के नागरिकों को पहचानते है,इसलिए निमयमानुसार कांग्रेस उम्मीदवार की ओर से उन्हें अभिकर्ता नियुक्ति किया गया था।

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