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एक अपर आयुक्त ने दूसरे को बताया अपात्र अधिकारी

नगर निगम के कुल में तकरार

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उज्जैन। अपनी विवादास्पद और लापरवाही भरी कार्यप्रणाली के कारण कई दिनों तक लूप लाइन रहकर जांच का सामना करने वाले नगर निगम के एक अपर आयुक्त ने दूसरे अपर आयुक्त को अपात्र बताया है। इसके लिए महापौर को पत्र भी लिख दिया है।

नगर निगम उज्जैन में वित्तीय अनियमितता की जांच झेल रहे अपर आयुक्त आरएस मंडलोई ने महापौर के नाम लिखे पत्र में आरोप लगाया कि अपर आयुक्त आदित्य नागर पद के पात्र नहीं है। उनकी पदस्थापना गलत की है। वे तृतीय श्रेणी वित्त अधिकारी हैं। नागर अवैधानिक तौर पर काम कर रहे है, उन्हें पद से हटाया जाए। खास बात यह कि पत्र महापौर तक पहुंचा भी नहीं है और अपर आयुक्त आरएस मंडलोई ने उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया है।

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शासन के आदेश को ही दे दी चुनौती!

अपर आयुक्त आदित्य नागर की पदस्थापना शासन द्वारा की गई है। निगम में तत्कालीन आयुक्त अंशुल गुप्ता ने मंडलोई को लापरवाही और विवादास्पद कार्यप्रणाली के कारण निगम के महत्वपूर्ण दायित्व से दूर कर रखा था। उस वक्त भी मंडलोई आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटे हुए थे।

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अब फिर वे इसमें लग गए है। हद तो यह है कि नागर की पदस्थापना शासन की ओर से हुई है और मंडलोई ने इस पर सवाल खड़े कर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए शासन के आदेश को ही चुनौती दे डाली है। महापौर मुकेश टटवाल का कहना है ऐसा कोई पत्र मुझ तक नहीं पहुंचा। अपर आयुक्त आदित्य नागर का कहना है मंडलोई पर तत्कालीन आयुक्त ने वित्तीय अनियमितता को लेकर जांच की थी, जिसमें दोषी पाए थे। द्वेषतावश गलत आरोप लगा रहे, जबकि मैं राज्य वित्तीय सेवा का प्रथम श्रेणी अधिकारी हूं।

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