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एमपी विधानसभा चुनाव 2023:थम गया चुनावी का शोर,सोशल मीडिया पर भी प्रचार बंद

विधानसभा की सात सीटों पर मतदान 17 को, प्रशासन की तैयारियां अंतिम दौर में

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मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 17 नवंबर को होनी है। बुधवार शाम को चुनावी शोरगुल थम गया । शाम 6 बजे के बाद कोई उम्‍मीदवार या राजनीतिक दल प्रचार के लिए जुलूस या सभाएं नहीं कर पाएंगे। वहीं, चुनाव प्रचार के आखिरी दिन प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के दिग्‍गज दम दिखाएंगे।

 

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:विधानसभा चुनाव के लिए 15 नवंबर की शाम 6 बजे से चुनाव प्रचार का शोर थम गया । इसके बाद प्रत्याशी जनसंपर्क को छोड़ चुनाव प्रचार के लिए किसी दूसरे माध्यम का सहारा नहीं ले पाएंगे। सोशल मीडिया पर प्रचार नहीं किया जा सकता है। प्रचार-प्रसार के लिए किसी तरह की पोस्ट, वीडियो या किसी तरह का संदेश अपलोड किया या उसे फॉरवर्ड किया, तो उसका पता जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मानिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) लगाएगी। इसके लिए साइबर सेल की मदद ली जाएगी।

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विधानसभा चुनाव का शोर बुधवार शाम को थमते ही पहले से जारी सारी परमिशन निरस्त हो जाएंगी। न चुनावी जुलूस निकलेंगे, न धरना, रैली या सभाएं होंगी। बाहरी लोगों के रुकने पर भी रोक रहेगी। शहर की सीमाओं पर चेकिंग भी होगी। ताकि,गड़बड़ी करने वालों को सख्ती से रोका जा सके। जिला प्रशासन की टीमें मैदान में उतरेगी, और आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी। 17 नवंबर की सुबह 7 से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। इसके लिए जिले में कुल १८२४ मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

चुनावी शोर थमेगा, सिर्फ घर-घर जाकर होगा प्रचार

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शाम 6 बजे से ही चुनावी शोर थम गया । इसके बाद कोई भी प्रत्याशी न तो जुलूस-रैली निकाल सकेगा और न ही सभा कर सकेगा। बिना शोर-शराबे के घर-घर जाकर मतदाताओं से व्यक्तिगत मिल सकेगा।

शहरी सीमाएं सील होंगी

जिले की सीमाएं सील होंगी। यहां पर पुलिस सख्ती से गाडिय़ों को रोककर चेकिंग करेगी। ताकि, यदि कोई आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सके।

वोटर पर्ची घरों तक नहीं पहुंचीं, तो ऑनलाइन पता कर सकते हैं

जिले में १५ लाख से अधिक वोटर्स के लिए बुधवार को पर्ची बांटने का अंतिम दिन है। कई मतदाताओं तक पर्ची नहीं पहुंची है। ऐसे में किसी को मतदाता को पर्ची नहीं मिली है,तो वे अपने इपिक नंबर के माध्यम से https://ceomadhyapradesh.nic.in/ पर आपके पोलिंग बूथ की जानकारी ले सकते हैं। मतदान के लिए वोटर कार्ड के अलावा 12 तरह के पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया सकता है।

वोटर लिस्ट में नाम है तो मतदाता पर्ची जरूरी नहीं

अगर वोटर लिस्ट में नाम है और पर्ची या वोटर कार्ड नहीं है, तो भी मतदान किया जा सकता है। आयोग ने 12 वैकल्पिक दस्तावेजों को मान्य किया है। आधार, मनरेगा जॉब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, केंद्र राज्य सरकार,पीएसयू सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंक, डाकघर द्वारा जारी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय के स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों, विधायकों, एमएलसी को जारी पहचान पत्र आदि।

जिले के 130 बूथों पर अस्थायी बिजली कनेक्शन

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने मालवा और निमाड़ क्षेत्र के विधानसभा चुनाव के सभी 18400 बूथों पर बिजली की माकूल व्यवस्था की है। सभी जगह सर्वे कराया गया एवं बूथों पर बिजली वितरण की समीक्षा कर व्यवस्था सुनिश्चित की गई। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के करीब 1300 बूथों के लिए अस्थाई कनेक्शन दिए गए हैं। इसमें उज्जैन जिले के 130 बूथों पर अस्थायी बिजली के कनेक्शन दिए गए है।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि आयोग के आदेशानुसार सभी 15 जिलों के इंजीनियरों एवं बिजली कर्मचारियों ने प्रत्येक बूथ पर बिजली वितरण की समीक्षा की। जिन दूरस्थ क्षेत्रों के बूथों पर बिजली के स्थाई कनेक्शन नहीं थे, वहां अस्थाई कनेक्शन के माध्यम से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। इंदौर ग्रामीण में 21, बड़वानी में 400, खरगोन में 221, धार में 200, उज्जैन में 130, आगर में 96, देवास और खंडवा में 64-64 , शाजापुर में 60 , मंदसौर में 46 बूथों के लिए अस्थाई कनेक्शन दिए गए हैं। बूथों पर निर्वाचन दिवस पर बिजली व्यवस्था के लिए कंपनी स्तर पर 520 इंजीनियर समेत करीब 2100 कर्मचारी दायित्व निर्वहन करेंगे।</p>

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