कुनिका का पूरा उपचार नि:शुल्क करवा रहा उज्जैन जिला प्रशासन

राज्य शासन ने भेजे लगने वाले एम्फोटेरेसिन-बी : डीआई कुशवाह

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उज्जैन। ब्लैक फंगस का शिकार गरीब परिवार की 12 वर्षीय बालिका कुनिका यादव का पूरा उपचार जिला प्रशासन द्वारा नि:शुक्ल करवाया जा रहा है। कुनिका के लिए राज्य शासन ने पहली खेप में 6 एम्फोटेरेसिन-बी, 50 एमजी इंजेक्शन कल ही भेज दिए थे। अन्य सारी दवाईयों की व्यवस्था कलेक्टर आशीषसिंह ने करवाई है। यह जानकारी ड्रग इंस्पेक्टर धर्मसिंह कुशवाह ने दी।

उन्होने बताया कि अक्षर विश्व में समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर ने एक पत्र राज्य शासन को लिखा था और कुनिका के उपचार तथा गरीब परिवार से होने की जानकारी दी थी। राज्य शासन ने उसी दिन रात्रि में नि:शुल्क उपचार हेतु एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की व्यवस्था कर दी थी। अगली सुबह इंजेक्शन आ गए थे। चूंकि एक निजी मेडिकल स्टोर्स पर परसो एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन की व्यवस्था कुनिका के लिए कर दी गई थी, उसी में से एक इंजेक्शन की व्यवस्था एक स्वयंसेवी संस्था ने की है। लेकिन बाकी सारे इंजेक्शन तथा आगामी दिनों में लगनेवाले सारे इंजेक्शन का इंतजाम राज्य शासन से नि:शुल्क होगा। इसकी मानीटरिंग स्वयं कलेक्टर कर रहे हैं। ये इंजेक्शन वे स्वयं उपलब्ध करवाएंगे,किसी मेडिकल स्टोर्स से नहीं।

कुनिका को अब कल आईसीयू से बाहर लाएंगे
ऑपरेशन करने वाले सिविल सर्जन सह ईएनटी सर्जन डॉ.पी.एन.वर्मा ने कहा कि कुनिका का स्वास्थ्य ठीक है। उसे कल आयसीयू से बाहर लाएंगे। पूरा उपचार सरकारी और नि:शुल्क हो रहा है। कलेक्टर ने इसमें अहम भूमिका निभाही है। कोई बाहरी मदद नहीं मिली और न ही अब इसकी जरूरत है। उन्होने कहाकि कुनिका को आज लिक्विड दिया गया। कल सालिड देंगे।

मस्तिष्क और सायनेसेस को बचा लिया- डॉ-वर्मा
डॉ.वर्मा के अनुसार सीटी स्केन ने घबरा दिया था। लेकिन एंडोस्कोप से जब फंगस हटाना शुरू किया और आगे बढ़े तो दो बातें अच्छी हो गई। पहली यह कि हमने मस्तिष्क को संक्रमित होने से बचा लिया वहीं सायनेसेस को भी बचा लिया, अब ये हड्डी न तो गलेगी और नही भविष्य में इस कारण से काटना पड़ेगी। चंूकि कुनिका को अनुवांशिक डायबिटिज है, इसलिए आगे परिवार को संभलकर चलना होगा।

इंदौर से आ रहे फोन….हमें दिलवा दो एम्फोटेरेसीन-बी
डीआई कुशवाह का कल करीब 10 घण्टे तक मोबाइल फोन बंद रहा। उन्होने कारण बताया कि यहां कुनिका के उपचार के लिए शासन द्वारा नि: शुल्क व्यवस्था करने की जानकारी मिलने के बाद कल दोपहर से शाम तक इंदौर से अनेक लोगों के फोन आए। उनका कहना था कि मीडिया के माध्यम से पता चला है कि उज्जैन में उक्त इंजेक्शन उपलब्ध है। आग्रह कर रहे थे कि उपलब्ध करवा दें। काम करने में आ रहे अवरोध के चलते उन्हे करीब 10 घण्टे तक अपना मोबाइल फोन बंद रखना पड़ा।

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