केडी गेट रोड चौड़ीकरण के लिए ढाई फीट से ज्यादा लंबी गैलरी टूटेंगी

रोड चौड़ी होते-होते खर्च 4 करोड़ रुपए बढ़ा
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निगमायुक्त ने एमआईसी सदस्य और पार्षदों के साथ की बैठक…

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:केडी गेट से इमली तिराहा तक रोड चौड़ीकरण का खर्च अब चार करोड़ और बढ़ गया है। इस कारण सेंटर में डिवाइडर बनाना संभव नहीं। निगम प्रशासन ने तय किया है कि 140 से अधिक मकानों की गेलरियां तोड़ी जाएंगी। महापौर मुकेश टटवाल की उपस्थिति में निगम आयुक्त रोशनकुमार सिंह ने एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी सहित क्षेत्रीय भाजपा और कांग्रेस पार्षदों से चर्चा की और साफ कर दिया कि जिन मकानों की गैलरी ढाई फीट से ज्यादा लंबी है, उनको तोड़ा जाएगा।
विधानसभा चुनाव परिणाम से पहले निगम प्रशासन ने केडी गेट रोड का काम तेज करने पर फोकस कर लिया है। मंगलवार को निगम आयुक्त रौशन कुमार सिंह ने महापौर टटवाल की उपस्थिति में पार्षद हेमंत गेहलोत, गजेंद्र हिरवे, सपना सांखला, नेता प्रतिपक्ष रवि राय, इमरान और जाहिद के साथ निगम परिषद कार्यालय में चर्चा की। पार्षद सांखला ने रोड के बीच डिवाइडर बनाने का प्रस्ताव रखा ताकि भविष्य में समस्याएं न आएं। इस पर निगम आयुक्त ने बताया रोड चौड़ीकरण का बजट पहले ही बढ़ गया है।
पहले यह काम करीब 8 करोड़ रुपयों में होना था, लेकिन अब खर्च बढ़कर 12 करोड़ के आसपास हो गया है। डिवाइडर बनाने पर 6 करोड़ रुपए का खर्च और होने का अनुमान है। इस कारण बीच में डिवाइडर बन पाना मुश्किल है। आयुक्त ने कहा ढाई फीट तक की गैलरी को छोड़कर बाकी सभी मकानों की गेलरियां तोड़ी जाएंगी, जो ढाई फीट से ज्यादा बाहर है। इस दायरे में 142 मकान आ रहे हैं।
इन मकानों पर मार्किंग भी की जाएगी। पार्षदों ने भी अपने सुझाव दिए। पार्षद गेहलोत ने कहा गैलरी तोडऩे के लिए कटर का उपयोग किया जाए न कि जेसीबी का। जेसीबी से मकानों को नुकसान अधिक होता है। निगम प्रशासन ने इसके लिए क्षेत्र में मुनादी कर लोगों से कहा है कि तय समय पर अपने मकानों की गेलरियां तोड़ लें, नहीं तो निगम प्रशासन कार्रवाई करेगा।
रोड अब दिखने लगा चौड़ा, पर कहीं संकरा
केडी गेट रोड इमली तिराहा से नयापुरा क्षेत्र तक चौड़ा दिखने लगा है। गेलरियों और नालों के कारण अभी भी कई जगह रोड का हिस्सा छोड़ा गया है। इससे कहीं रोड चौड़ा और कहीं संकरा दिखाई दे रहा। केडी गेट चौराहे की तरफ रोड बंद है। इस जगह काम जारी होने के कारण आवागामन बंद है।
धर्मस्थलों की शिफ्टिंग पर अब तक फैसला नहीं
रोड चौड़ीकरण के दायरे में आ रहे धर्मस्थलों को लेकर निगम प्रशासन अब तक कोई फैसला नहीं ले सका है। इस कारण भी रोड का चौड़ीकरण कार्य अब तक अधूरा है। 3 दिसंबर को मतगणना के बाद राज्य में सरकार किसकी बनेगी, इस पर यह फैसला निर्भर है।
रोड का चौड़ीकरण हो रहा है तो बीच में डिवाइडर बनना भी जरूरी था, लेकिन अधिकारी अधिक खर्च होने की बात कह रहे। डिवाइडर बनने से रोड के दोनों तरफ अतिक्रमण नहीं होता और लोगों के लिए भी सुविधाजनक रहता। -सपना सांखला, पार्षद








