कोरोना मरीजों के अटेंडरों और जांच कराने वालों की सेवा में जुटा जैन समाज

होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के घरों तक भोजन पहुंचाने में जुटे हैं समाजजन
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
कोविड अस्पतालों से लेकर होम आइसोलेट लोगों की भोजन व्यवस्था
उज्जैन।कोरोन संक्रमण की दूसरी लहर में एक ओर जहां मरीजों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही, ऑक्सीजन और दवाओं के लिये परेशान हो रहे हैं ऐसे में उनके अटेंडर परिजनों की समस्याएं मरीज से दोगुनी हो रही है, क्योंकि अटेंडरों को मरीज की देखभाल के अलावा स्वयं के रहने, भोजन पानी की व्यवस्था भी करना होती है। ऐसे लोगों की मदद के लिये सकल दिगम्बर जैन संसद के सदस्यों ने सेवा का बीड़ा उठाया और लोगों के भोजन से लेकर अन्य व्यवस्थाएं नि:शुल्क प्रदान कर रहे हैं।
जैन मांगलिक भवन पुरानी सब्जी मंडी फ्रीगंज स्थित सकल दिगम्बर जैन संसद के सदस्य प्रतिदिन सुबह एकत्रित होकर सेवा कार्य में जुट जाते हैं। सबसे पहले तैयारी होती है कोविड अस्पतालों और होम आइसोलेट लोगों के घरों तक भोजन पहुंचाने की। संसद के सदस्यों ने चर्चा में बताया कि कोविड अस्पतालों और होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों, उनके परिजनों के लिये प्रतिदिन 500 पैकेट भोजन तैयार होता है। दोनों समय भोजन के पैकेट अस्पताल और घरों तक पहुंचाये जाते हैं। इसके अलावा आसपास के शहरों से कोरोना अथवा अन्य बीमारियों की जांच कराने पैथालॉजी लैब और सिटी स्कैन सेंटरों के बाहर बैठे मरीजों और उनके परिजनों को भी भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
सात्विक और पौष्टिक भोजन
सकल दिगम्बर जैन संसद के सदस्यों ने बताया कि मरीजों और उनके परिजनों को शुद्ध, सात्विक और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाये इसका विशेष ध्यान रखा जाता है। प्रतिदिन के भोजन में दाल, चावल, सब्जी, रोटी, पापड़, अचार शामिल होते हैं। इस भोजन को अलग अलग पैकेटों में रखकर एक पार्सल बनाया जाता है।
भोजन बनाने से लेकर वितरण की व्यवस्था समाज की सदस्यों के अनुसार भोजन बनाने से लेकर पैकिंग और वितरण की सारी व्यवस्था समाजजन देख रहे हैं। इस पुनीत कार्य में लगभग 30-35 लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं। खास बात यह कि प्रतिदिन भोजन वितरण में होने वाला खर्च भी समाजजन स्वयं ही वहन कर रहे हैं, इसके लिये शासकीय अथवा अन्य संस्था से कोई सहयोग नहीं लिया जा रहा।