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क्या वशिष्ठ परिवार का कांग्रेस से मोहभंग..?

कांग्रेस की सीढ़ी से हासिल किया सब कुछ,

अब संघ से बढ़ती नजदीकियों से राजनीतिक निष्ठा पर उठे सवाल

उज्जैन।कोई परिवार दशकों से एक राजनीतिक दल से जुड़कर काम करता है और एकाएक पॉलिटिकल बैकग्राउण्ड से अलग संगठन के बैनर तले कार्यक्रम का आयोजन करें, तो यह सवाल लाजमी है कि क्या परिवार का अपने विरासत वाले राजनीतिक दल से मोहभंग हो रहा है या हो गया है? कट्टर कांग्रेसी माने जाने वाले वशिष्ठ परिवार, जिसने अभी तक जो भी मुकाम हासिल किया,उसमें कांग्रेस के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है।

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ऐेसे वशिष्ठ परिवार के युवा सदस्य ने अपने संस्थान में एक संगठन के बैनर तले कार्यक्रम आयोजित किया है,जिसकी विचारधारा कांग्रेस से मेल नहीं खाती है।

कांग्रेस में महावीर प्रसाद वशिष्ठ और वशिष्ठ परिवार का कांग्रेस में खास स्थान है। वशिष्ठ परिवार का कांग्रेस से नाता उज्जैन में बसने से पहले राजगढ़,नरसिंहगढ़ और राघौगढ़ से है। ऐसे में इस परिवार की पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह से अतिनिकटता भी है।

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बहरहाल इस परिवार के कांग्रेस से मोहभंग होने की चर्चा चल पड़ी है। वशिष्ठ परिवार और इसके प्रमुख सदस्य प्रवीण वशिष्ठ ने कांग्रेस की सीढिय़ां चढ़कर जो कारोबार और एम्पायर खड़ा किया है यह सबके सामने है। सभी को पता है कि प्रवीण वशिष्ठ और वशिष्ठ परिवार ने शहर में जो कद-मुकाम बनाया है, उसमें कांग्रेस से उनके संबंधों का महत्वपूर्ण योगदान है।

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ऐसा क्या हो गया?

ऐसा क्या हो गया कि वशिष्ठ परिवार के एम्पायर एमआईटी में कांग्रेस की विपरीत विचारधारा के संगठन के बैनर तले आयोजन किया जा रहा है। इस पर केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है। हकीकत तो भविष्य के गर्भ में है।

दरअसल प्रवीण वशिष्ठ के पुत्र और वशिष्ठ परिवार के युवा सदस्य आदित्य वशिष्ठ ने एमआईटी की मेजबानी में 17 सिंतबर से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के अशिक्षित और दसवीं पास युवाओं को स्वावलंबी बनाने के प्रशिक्षण का आयोजन किया है। स्वावलंबी भारत अभियान के तहत आयोजित प्रशिक्षण का शुभारंभ शनिवार को हुआ।

आदित्य वशिष्ठ, एमआईटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में तो है, स्वावलंबी भारत अभियान उज्जैन के संयोजक भी है। प्रशिक्षण शुभारंभ में हिरेंद्रसिंह विभाग प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सानिध्य रहा।

इस अवसर पर उल्लास वैद्य, स्वावलंबी भारत अभियान मालवा प्रांत के सह समन्वयक, पारस गेहलोत विभाग कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उज्जैन उपस्थित थेे। कांगे्रसी वशिष्ठ परिवार के संस्थान एमआईटी में इन अतिथियों की उपस्थिति कांग्रेस के नेताओं का सिरदर्द बढ़ाने और वशिष्ठ परिवार की निष्ठा बदलने की शंका/सवाल के लिए पर्याप्त है।

कांग्रेस शासनकाल में खास प्रभाव…

एमआईटी के डायरेक्टर आदित्य वशिष्ठ के दादा वशिष्ठ परिवार के प्रमुख महावीर प्रसाद वशिष्ठ कांग्रेस से विधायक रहे है। इसके पूर्व लम्बे समय तक जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष थे। वशिष्ठ परिवार का नाता राघौगढ़ से होने के कारण महावीर प्रसाद वशिष्ठ की दिग्विजयसिंह से निकटता है।

दिग्विजयसिंह के 10 साल के शासनकाल में बगैर किसी पद के महावीर प्रसाद वशिष्ठ उज्जैन ही नहीं प्रदेशभर में प्रभाव रहा है।

सरकार और संगठन के कई महत्वपूर्ण फैसलों पर महावीर प्रसाद वशिष्ठ की छाप साफ नजर आती थी। वशिष्ठ परिवार के राजेंद्र वशिष्ठ पार्षद रहे है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर भाग्य भी आजमा चुके है। फिलहाल परिवार की सदस्य सुलेखा वशिष्ठ पार्षद है। अब परिवार की राजनीतिक तस्वीर कुछ बदली नजर आ रही है।

पहले भी मंच शेयर कर चुके है आदित्य

वशिष्ठ परिवार की कांगे्रस से मोहभंग या विचारधार बदलने की चर्चा के बीच हकीकत यह भी है कि आदित्य वशिष्ठ पूर्व में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अन्य अनुषांगिक संगठनों के कार्यक्रम में बतौर अतिथि मंच शेयर कर चुके है। स्वावलंबी भारत अभियान भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अन्य अनुषांगिक संगठन या कहें की प्रकल्प का हिस्सा है।

आयोजन की कोई जानकारी नहीं
-आप जिस आयोजन के संबंध में बता रहे है,उसकी कोई जानकारी मुझे नहीं हैं।
राजेंद्र वशिष्ठ, कांग्रेस नेता और वशिष्ठ परिवार के सदस्य।

प्रवीण वशिष्ठ से संपर्क नहीं
इस संबंध में जानकारी और प्रतिक्रिया के लिए एमआईटी के डायरेक्टर प्रवीण वशिष्ठ से कई मर्तबा सम्पर्क किया, लेकिन चर्चा नहीं हो सकी।

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