क्या होता है हीमोग्लोबिन? जानें इसे कैसे बढ़ाएं

बोन मेरो के अंदर रक्त कोशिकाएं बन रही होती हैं। चूंकि रक्त में मुख्य रूप से वाइट ब्लड सेल्स की तुलना में रेड ब्लड सेल्स अधिक होती हैं। इसमें एक वर्णक लाल रंग भी होता है जो रक्त में मौजूद हीमोग्लोबिन नामक आयनिक ग्रेडिएंट से आता है।

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शरीर के सभी अंग ठीक से काम करें, इसके लिए हीमोग्लोबिन बहुत ज़रूरी है। शरीर में खून (हीमोग्लोबिन) की कमी होने का असर खून में ऑक्सीजन के लेवल पर पड़ता है। रक्त में ऑक्सीजन की कमी होने से कमज़ोरी महसूस होती है।  मरीज़ कहीं भी बेहोश हो सकता है। सामान्य काम करने में भी उसकी सांस फूलने लगती है। उसे एनीमिया हो जाता है।  बीमारयों से लड़ने की उसकी ताक़त कम हो जाती है। उसे बीमारियां जल्दी चपेट में ले लेती हैं। यहां तक कि उसे किडनी की समस्या भी हो सकती है। पुरुषों को औसतन 135 से 170 तक की जरुरत होती है और महिलाओं के लिए यह 120−160 होना चाहिए। 

हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाली बीमारियां

–  एनीमिया (खून की कमी) होना
– शरीर में दर्द रहना, ख़ासतौर पर सिर और सीने में
– किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारिया
– मांसपेशियों में कमज़ोरी महसूस होना
– हरदम थकान लगना
– त्वचा का रंग बदलना
– चेहरे पर सूजन रहना
– घाव जल्दी नहीं भरना
– पीरियड्स के दौरान ज़्यादा दर्द
– ज़्यादा ठंड लगना
– पैरों के तलवे और हथेलियों का ठंडे पड़ना
– दिल की धड़कन तेज़ या अनियमित होना
– त्वचा का पीला होना

हीमोग्लोबिन के कम स्तर वाले व्यक्ति को अधिक आयरन युक्त खाद्य पदार्थ खाने से लाभ हो सकता है। आयरन हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बढ़ावा देने का काम करता है, जो अधिक लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है।

फोलेट का सेवन बढ़ाना

फोलेट एक प्रकार का विटामिन बी है जो हीमोग्लोबिन उत्पादन में एक आवश्यक भूमिका निभाता है। शरीर हीम का उत्पादन करने के लिए फोलेट का उपयोग करता है, हीमोग्लोबिन का एक घटक जो ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है। यदि किसी व्यक्ति को पर्याप्त फोलेट नहीं मिलता है तो उनकी लाल रक्त कोशिकाएं परिपक्व नहीं हो पाएंगी, जिससे फोलेट की कमी से एनीमिया और कम हीमोग्लोबिन का स्तर हो सकता है।

अनार

शरीर में खून की कमी को पूरा करने वाले बेस्ट फूड्स में से एक है अनार. इसमें प्रोटीन, विटामिन सी, फॉस्फोरस, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर के साथ-साथ कैल्शियम और आयरन भी भरपूर मात्रा में होते हैं।  यही वजह है कि अनार हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को अनेक बीमारियों से सुरक्षा भी प्रदान करता है।

चुकंदर 

चुकंदर में प्राकृतिक रूप से आयरन, मैग्नीशियम, फाइबर, फॉस्फोरस, विटामिन बी1, बी2, बी6, बी12 और सी होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। इसे शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने का बेहतरीन विकल्प भी माना जाता है। चुकंदर का सेवन करने से रेड ब्लड सेल्स का पुनर्निर्माण होता है। नियमित रूप से चुकंदर का जूस पीने से खून साफ होता है और खून की कमी दूर होती है।

हरी पत्तेदार सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियां- पालक, सरसों का साग, चौलाई, सेलेरी, मेथी आदि आयरन के प्रमुख स्रोत हैं. इन पत्तेदार सब्जियों में विटामिन 12, फोलिक एसिड और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर में खून की कमी को पूरा करने के साथ अन्य बीमारियों से भी बचाते हैं।  पालक में कैरोटिनॉयड्स नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो शरीर में कैंसर के ख़तरे को कम करने में मदद करता है। इसीलिए डायट में पालक सहित अन्य पत्तेदार सब्जियों को ज़रूर शामिल करें।

खजूर, किशमिश और अंजीर

खजूर और किशमिश में विटामिन सी और आयरन होता है, जबकि अंजीर में आयरन मैग्नीशियम, विटामिन ए और फोलिक होता है। रोज़ाना सुबह थोड़े-से किशमिश, 3-3 अंजीर और खजूर खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है और हीमोग्लोबिन के स्तर में भी सुधार होता है। इसके अलावा सप्ताह में 3-4 बार अंजीर वाला दूध पीने से शरीर में खून की कमी दूर होती है। पर ध्यान रखें कि मधुमेह के रोगी इसका सेवन कम मात्रा में करें।

दालें-फलियां

दालें, मूंगफली, बीन्स में भी ऐसे नूट्रिएंट्स होते हैं, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। इनमें मौजूद आयरन और फोलिक एसिड शरीर में रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करने और उन्हें बूस्ट करने में मदद करते हैं।

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