गलती करने से मत रोको…नहीं तो सीखेंगे कैसे

By AV News

मां को लगता है कि बच्चों को गलतियां करने से रोकना या गलती करने पर सुधारना उनका काम है जबकि उनसे खुद बच्चों की परवरिश में कुछ गलतियां हो जाती हैं। पेरेंट बनना एक ऐसी जर्नी है जिसमें खुद मां-बाप सीख रहे होते हैं और गलतियां कर के अनुभव लेते हैं।

मोटिवेशनल स्पीकर और आध्यात्मिक गुरु जया किशोरी ने अपने एक प्रवचन में कहा है कि कुछ मां-बाप अपने बच्चे को लेकर इतने ज्यादा प्रोटेक्टिव हो जाते हैं कि उसे अपने हिस्से की गलती तक नहीं करने देते हैं। उसे अपने से बांधकर रखते हैं और अपने फैसले खुद नहीं लेने देते हैं।

जया किशोरी ने कहा कि जो मां-बाप अपने बच्चे को गलती करने तक का मौका नहीं देते हैं, वो गलत होते हैं। आप कम से कम अपने रहते हुए तो अपने बच्चे को गलती करने दें ताकि आप देख सकें कि आपका बच्चा गलती करने के बाद उठ पा रहा है या नहीं या कहीं उससे आपकी मदद की तो जरूरत नहीं है।

आपके जाने के बाद आएगी मुश्किल
आज अगर आपने उसे कोई छोटी गलती तक करने नहीं दी, तो आपके जाने के बाद जब वे गलती करेगा, तब उसे संभालने वाला या सही रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं होगा। क्या आपको लगता है कि आपके न होने पर दुनिया उसका ध्यान रखेगी?

क्या करें
जया किशोरी की मां को सही सलाह है कि माता-पिता को अपने बच्चों को गलती करने का मौका देना चाहिए ताकि वो इससे कुछ सीख सकें, अनुभव ले सकें और एक जिम्मेदार इंसान बन सकें। मां- हर वक्त अपने बच्चे को प्रोटेक्ट करने की कोशिश न करें क्योंकि इससे बच्चा कमजोर बन सकता है।

अनुभव आता है
बच्चों के सीखने के लिए अनुभव लेना सबसे बेहतरीन तरीका है। अगर आप उसे गलतियां करने का मौका ही नहीं देंगे, तो वो कभी कुछ सीख ही नहीं पाएगा। सीखने की प्रक्रिया में गलतियां करना और गलतियों को ठीक करना अहम होता है। इसके अलावा गलती कर के उसकी जिम्मेदारी लेना बच्चों के कैरेक्टर को बनाने का काम करता है। यह बच्चों को प्रतिबद्धता, जिम्मेदारी और अपने निर्णय के परिणाम को संभालना सिखाता है।

आत्मविश्वास आता है
जब आप बच्चे को कोई काम करने का अवसर देते हैं और उसे गलती करने की छूट देते हैं, तब उसे लगता है कि आप उस पर भरोसा करते हैं और वो भी कुछ कर सकता है। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और उनके आत्म-सम्मान में वृद्धि होती है। इससे बच्चों को फ्यूचर में काफी मदद मिलती है।

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