डेल्टा+ वैरिएंट के लिए केंद्र की गाइडलाइन

By AV NEWS

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 राज्यों को लिखी चिट्ठी,तुरंत एक्शन में आने को कहा

टेस्टिंग, ट्रैकिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाएं

कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के नए केस मिलने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 राज्यों को चिट्ठी लिखकर तुरंत कंटेनमेंट उपायों को लागू करने को कहा है, डेल्टा प्लस वेरिएंट को फैलने से रोका जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा को कंटेनमेंट और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जैसे उपायों को अपनाने को कहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन 8 राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे लेटर में डेल्टा प्लस वेरिएंट को चिंतित करने वाले वेरिएंट बताते हुए कहा है कि यह अधिक संक्रामक है और फेफड़ों की कोशिकाओं में रिसेप्टर्स का मजबूत बंधन होता है तो मोनोकोनल एंटीबॉडी रिस्पॉन्स को भी संभवत: कम कर सकता है।

राज्यों से अपील की गई है कि जिन जिलों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस पाए गए हैं वहां तुरंत ही कंटेनमेंट उपायों को अपनाया जाए। इन इलाकों में भीड़ लगने से रोका जाए, टेस्टिंग को बढ़ाया जाए, ट्रेसिंग की जाए और टीकाकरण को तेज किया जाए। संक्रमित लोगों के अधिक से अधिक सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग कराने को भी कहा गया है।

जिन राज्यों या जिलों में डेल्टा प्लस के मरीज मिलें, वहां भीड़ को रोकने और लोगों के मिलने-जुलने और आवाजाही पर नियंत्रण के लिए तत्काल जरूरी उपाय किए जाएं।

जिन जिलों में डेल्टा प्लस के केस मिले हैं, वहां तत्काल प्रभाव से कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। पाबंदियों का सख्ती से पालन कराया जाए।

कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों के पर्याप्त नमूने तत्काल भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्शिया (INSACOG) की प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं।

रकार के मुताबिक, देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस बढ़कर 51 हो गए हैं। अब तक कुल 12 राज्यों में इस वैरिएंट के केस पाए गए हैं। 45 हजार सैंपल की जांच में सबसे ज्यादा 22 मामले महाराष्ट्र में रिपोर्ट किए गए हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश में 8, केरल में 3, पंजाब और गुजरात 2-2, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक केस की पुष्टि हुई है।

डेल्टा-प्लस वैरिएंट क्या है?

भारत में मिले कोरोनावायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा नाम दिया है। B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N हुआ है, जो इससे पहले कोरोनावायरस के बीटा और गामा वैरिएंट्स में भी मिला था। नए म्यूटेशन के बाद बने वैरिएंट को डेल्टा+ वैरिएंट या AY.1 या B.1.617.2.1 कहा जा रहा है।

K417N म्यूटेशन वाले ये वैरिएंट्स ओरिजिनल वायरस से अधिक इंफेक्शियस हैं। वैक्सीन व दवाओं के असर को कमजोर कर सकते हैं। दरअसल, B.1.617 लाइनेज से ही डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) निकला है। इसी लाइनेज के दो और वैरिएंट्स हैं- B.1.617.1 और B.1.617.3, जिनमें B.1.617.1 को WHO ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) की लिस्ट में रखा है और कप्पा नाम दिया है।

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