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तीन रंगों के फूलों से सजेगी भगवान की पालकी

भगवान महाकालेश्वर का नगर भ्रमण, 6 स्वरूप में दर्शन देंगे

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को निकलने वाली भगवान महाकालेश्वर की सवारी में धर्म के साथ देशभक्ति के रंग भी नजर आएंगे। राजाधिराज भगवान महाकाल की पालकी को केसरिया, सफेद फूलों के साथ हरे रंग की पत्तियों से सजाया जाएगा।

सवारी में शामिल होने वाले दल केसरिया के साथ तिरंगा ध्वज लेकर निकलेंगे। पुलिस बैंड धार्मिक गीत के साथ देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों की प्रस्तुति देगा।श्रावण मास में भगवान महाकाल की छठी सवारी निकलेगी। भगवान महाकाल भक्तों को छह रूपों में दर्शन देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भगवान महाकाल की सवारी का पूजन अभिषेक करेंगे।

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श्री महाकालेश्वर मंदिर से चार बजे भगवान महाकाल की छठी सवारी निकलेगी। सवारी में चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा विराजित होगी। वहीं सवारी के साथ गरूड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा, नंदी रथ पर उमा महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद और रथ पर घटाटोप का मुखारविंद शामिल होगें। सवारी निकलने से पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभा मंडप में भगवान की प्रतिमाओं का पूजन-अर्चन किया जाएगा। महाकाल मंदिर से शाम चार बजे शाही ठाठ-बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी शुरू होगी।

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में सवार राजा महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर देगें। इसके बाद सवारी आगे बढ़ेगी। सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना की जाएगी। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

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कमलनाथ भी सवारी में शामिल होंगे

भगवान महाकाल की सवारी के दर्शन और पूजन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सोमवार को उज्जैन पहुंचेंगे। वे शाम को सीधे रामघाट पर पूजन कर वहीं से भोपाल लौट जाएंगे। हालांकि कार्यक्रम में फेर बदल की संभावना है। कमलनाथ पहले महाकाल मंदिर के दर्शन कर उसके बाद सवारी में शामिल हो सकते है।

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