सवारी में सीएम के शामिल होने की संभावना….
उज्जैन। वर्ष में एक बार राजाधिराज महाकाल का विजयादशमी पर शमी पूजन में शामिल होने के लिए नए शहर में आगमन होता है। इस साल यह आयोजन विशेष तो होगा। सवारी का मार्ग कुछ इस तरह से तय किया गया है कि एक तरह से भगवान महाकाल का पूरे शहर में भ्रमण हो जाएगा। सवारी में कुछ देर के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहली बार शामिल होने की संभावना है।
विजय दशमी पर 5 अक्टूबर को निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी ऐतिहासिक होगी। राजसी ठाठ से निकाली जाने वाली सवारी का स्वरूप भव्य होगा, जिसमें पहली बार विभिन्न प्रदेशों की कला-संस्कृति के दर्शन भी होंगे। भजन मंडलियों के बीच झांकी के रूप में महाकाल लोक की प्रतिकृति और पुलिस बैंड के साथ बीएसएफ का बैंड सवारी में आकर्षण का केंद्र रहेंगे। सवारी में विद्युत रोशनी से झिलमिलाती झांकियां, भजन मंडल, देश के विभिन्न राज्यों के कला पथक दल, बैंड बाजे आदि को शामिल किया जाएगा।
ज्ञात इतिहास में ऐसा भी पहली बार होगा जब, शमी पूजन के बाद भगवान महाकाल नए मार्ग से मंदिर लौटेंगे। भगवान महाकाल की सवारी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहली बार शामिल होने की संभावना हैं। वे सवारी में पैदल चल शहरवासियों को महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र ‘महाकाल लोक’ के 11 अक्टूबर को होने वाले लोकार्पण समारोह में शामिल होने को निमंत्रण देंगे।
यह रहेगा मार्ग
विजय दशमी पर भगवान महाकाल की सवारी शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से शुरू होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, छत्री चौक, सतीगेट, कंठाल, नईसड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवास गेट, चामुंडा चौराहा, फ्रीगंज ब्रिज, पुलिस कंट्रोल रूम होते हुए दशहरा मैदान पहुंचेगी। यहां भगवान महाकाल तथा शमी वृक्ष का पूजन होगा।
यह वापसी का मार्ग
इसके बाद सवारी पुन: मंदिर की ओर रवाना होगी। इस बार लौटते समय पालकी देवास गेट से मालीपुरा, तोपखाना होकर मंदिर नहीं जाएगी, बल्कि देवास गेट से इंदौर गेट, गदापुलिया, हरिफाटक ओवर ब्रीज, बेगमबाग होते हुए मंदिर पहुंचेगी। इस रास्तें से भगवान पुराने व नए शहर में संपूर्ण रूप से नगर भ्रमण करेंगे।