दिवाली से पहले मुहूर्त में प्रारंभ होगा खरीददारी का सिलसिला

By AV NEWS

लाभकारी मंगल पुष्य नक्षत्र कल…

उज्जैन।ज्योतिष शास्त्र में बेहद लाभकारी माना गया पुष्य नक्षत्र का संयोग इस बार मंगलवार, 18 अक्टूबर को बन रहा है। इस बार का पुष्य नक्षत्र कार्तिक कृष्ण अष्टमी के दिन, 18 अक्टूबर को पड़ रहा हैं, जो कि अधिक फलदायी माना जा रहा है।

दरअसल ज्योतिष शास्त्र में पुष्य को नक्षत्रों का राजा माना जाता है। नक्षत्र पर शनि और गुरु की विशेष कृपा होती है। शनि शक्ति और ऊर्जा के स्वामी हैं, जबकि गुरु ज्ञान और धन का कारक।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सभी 27 नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र बहुत ही शुभ और फलदायी माने जाते हैं, जिनमें से पुष्य नक्षत्र बहुत खास होता है। दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 18 अक्टूबर मंगलवार को दिनभर पुष्य नक्षत्र का योग है।

स नक्षत्र में की गई खरीदारी शुभ माना जाती है और खरीदी गई वास्तु लंबे समय तक साथ रहती है। पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई चीजों से शुरू किया गया व्यापार जल्दी धन लाभ देता है। अच्छी बात यह है कि इस बार पुष्य नक्षत्र दिनभर है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी पुष्य नक्षत्र पर भारी खरीदारी होगी। इस तरह ग्राहक के साथ ही व्यापारी भी दिवाली से पहले दिवाली मना लेंगे।

ज्वेलरी और सिक्कों का खास महत्व

पुष्य नक्षत्र में फलदायी वस्तुओं को क्रय किया जाता है, लेकिन ज्वेलरी और चांदी के सिक्कों का खास महत्व माना जाता है। ज्वेलर्स अशोक कुमार जरीवाला इस शुभ मुहूर्त में सिक्कों के साथ आभूषणों को क्रय करते हैं। ऐसे लोग जिनके घरों में आगामी दिनों में विवाह है,वे एक पंथ दो काज के साथ शुभ मुहूर्त में ज्वेलरी की खरीददारी कर लेते है।

यह चीजें खरीदने फायदेमंद- पुष्य नक्षत्र में घर, जमीन, सोने-चांदी के गहने या सिक्के, टू व्हीलर या फोर व्हीलर, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, लकड़ी या लोहे का फर्नीचर, कृषि से जुड़ा सामान, पानी या बोरिंग की मोटर, बीमा पॉलिसी, म्यूचल फंड या शेयर मार्केट में निवेश करने से लाभ की प्राप्ति होगी।

सुबह 5:13बजे प्रारंभ होगा मुहूर्त

पुष्य नक्षत्र 18अक्टूबर सुबह

5:13 बजे प्रारंभ होगा।

पुष्य नक्षत्र का समापन 11 अक्टूबर को सुबह 8:02 बजे होगा।

पुष्य नक्षत्र चौघडिय़ा मुहूर्त प्रात: (चर,लाभ अमृत)  9:15 से 01:32 तक। अपराह्न (शुभ) 02:57 से 4:23 तक।

सांय (लाभ) 07:23 से 8:57 तक। रात्रि (शुभ,अमृत,चर) 10:32 से 03:15 (19 अक्टूबर) तक।

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