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दिसंबर माह में विवाह के सात मुहूर्त शेष

16 दिसंबर से खरमास, मांगलिक आयोजन नहीं हो सकेंगे

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:वर्ष 2023 के अंतिम माह की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने तीज-त्योहार तो है। खरमास भी रहेगा। ऐसे में मांगलिक आयोजन नहीं होंगे। दिसंबर में विवाह के सात मुहूर्त शेष हैं।दिसंबर में कालभैरव के पूजन का अवसर आएगा। भगवान कृष्ण के मुख से गीता के अवतरण दिन मोक्षदा एकदशी भी होगी। महीने के अंतिम सप्ताह में मठ-मंदिर और आश्रमों में दत्त जयंती पर अनुष्ठान-पूजन का आयोजन होगा।

 

इसके साथ सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा और खरीदी के अंतिम महामुहूर्त गुरु-पुष्य का संयोग भी बनेगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक हिंदू पंचांगों के अनुसार दिसंबर में भगवान कृष्ण को समर्पित मार्गशीर्ष महीना रहेगा। मार्गशीर्ष महीना 26 दिसंबर तक है। इस महीने पांच दिसंबर अष्टमी तिथि पर कालभैरव का पूजन होता है। कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस दिन लक्ष्मीनारायण का पूजन की जाती है। इस व्रत से वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ती होती है। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि 26 दिसंबर को दत्तात्रेय जयंती मनाई जाएगी।

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सूर्यदेव का धनु राशि में प्रवेश

इस माह शुक्र, सूर्य, बुध, गुरु और मंगल दिसंबर में राशि परिवर्तन करेंगे। इसका असर भी जातक के जीवन पर उतार-चढ़ाव के रूप में बढ़ेगा। 16 दिसंबर को सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करेंगे और मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विराम लगेगा। इस वर्ष विवाह के अंतिम सात मुहूर्त दिसंबर में है। यह मुहूर्त 5, 6, 7, 8, 9, 11 और 15 दिसंबर को है। इसके अतिरिक्त वर्ष के अंतिम खरीदी का महामुहूर्त गुरु पुष्य योग भी 28 दिसंबर को बनेगा।

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