दुनिया की पहली वैदिक घड़ी हिंदू नव वर्ष से चलेगी!

जीवाजी वेधशाला परिसर में 85 फीट ऊंचे टॉवर पर लगेगी

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इस बार भी विक्रमोत्सव एक माह तक होगा आयोजित

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:दुनिया की पहली वैदिक घड़ी जीवाजी वेधशाला के पास 85 फीट ऊंचे टॉवर पर हिंदू नववर्ष विक्रम संवत्सर पर लगाई जाएगी। इसके लिए बन रहे टॉवर का काम 15 जनवरी तक पूरा हो जाएगा। विक्रमादित्य शोधपीठ इसकी तैयारी में जुट गया है। इसके साथ ही उज्जैन पूरी दुनिया को वैदिक घड़ी के साथ चलने का संदेश भी देगा।

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अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया वर्ष कल 1 जनवरी से शुरू होगा लेकिन हिंदू मान्यता के अनुसार नया वर्ष विक्रम संवत गुड़ीपड़वा (9 अप्रैल, 2024) से आरंभ होगा। मध्यप्रदेश सरकार इस उत्सव को विक्रमोत्सव के रूप में इस बार खास अंदाज में मनाने की तैयारी कर रही है। इस वर्ष भी यह एक माह तक मनाया जाएगा। पिछले साल यह 18 फरवरी से 22 मार्च तक आयोजित किया गया था।

महोत्सव के अंतर्गत वैदिक घड़ी का शुभारंभ किया जाएगा। इसके लिए टॉवर का निर्माण नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। शनिवार को निगम आयुक्त रौशनकुमार सिंह ने खुद मौके पर जाकर निरीक्षण किया और 15 जनवरी तक हर हाल में काम पूरा करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार के संस्कृति विभाग के अंतर्गत स्थापित विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा यह दुनिया की पहली वैदिक घड़ी स्थापित की जाएगी।

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यह है संयोग… पिछले साल टल गया कार्यक्रम

पिछले वर्ष आयोजित विक्रमोत्सव में भी वैदिक घड़ी का शुभारंभ करने की योजना थी, लेकिन टॉवर का निर्माण पूरा नहीं हो।पाने के कारण शुभारंभ टल गया था। वैदिक घड़ी स्थापित करने की योजना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ही थी। संयोग से वे अब राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं।

विक्रम संवत को राष्ट्रीय घोषित करने का प्रस्ताव केंद्र तक पहुंचेगा

विक्रम संवत को राष्ट्रीय घोषित करने का प्रस्ताव इस बार केंद्र तक पहुंचने की भी प्रबल संभावना है। कई वर्षों से इसके लिए आवाज उठाई जा रही है। नेपाल में विक्रम संवत आधिकारिक है, लेकिन भारत में यह दर्जा अभी शक संवत को प्राप्त है। विक्रमोत्सव के अंतर्गत यह प्रस्ताव भी पारित कर केंद्र को भेजा जा सकता है। सीएम डॉ. यादव भी विक्रम संवत को राष्ट्रीय संवत घोषित कराने के पक्षधर हैं।

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