सरहद के प्रहरी ने अपने,
प्राणों को देश पे वारा।
चाहे दिन हो चाहे रात,
हर पल अपना देश पे वारा।।
देश में विपदा आई तो,
चिकित्सक ही वरदान बने।
जीवन के इस महायुद्ध में,
वे ही तो भगवान बने।।
महामारी में पुलिस की सेवा,
मानवता का सार हुई।
सफाईकर्मी के दायित्व से,
प्रकृति भी साकार हुई।।
कोरोनो से उभरेंगे हम,
हमने मन में ठानी है ।
चाहे कोई भी संकट हो,
भारत ने हार न मानी है।
डॉ. अर्चना बापना, उज्जैन