दोपहिया वाहन चालकों पर बरसे मुक्के-थप्पड़, यातायात पुलिस के जवान बोले हम क्या करें…

क्या शहर की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है…?
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महाकाल महालोक देखने आने वालों की वजह से लग रहे जाम से निपटने में पुलिस असफल…
दोपहिया वाहन चालकों पर बरसे मुक्के-थप्पड़, यातायात पुलिस के जवान बोले हम क्या करें…
उज्जैन।क्या शहर की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है ? यह सवाल सभी के मन में आ रहा है। दो माह से महाकाल महालोक में आने वाले लोग और वाहनों की वजह से लगने वाले जाम से निपटने में पुलिस असफल हैे। खासकर शनिवार-रविवार और अवकाश के दिन तो पूरी व्यवस्था भंग हो रही है और पुलिस के पास इसका कोई प्लान ही नहीं है। हद तो इस रविवार (११ दिसंबर) हो गई,जब तंग मार्गो से गुजरने वाले दोपहिया वाहन चालकों पर असामाजिक तत्वों ने मुक्के-थप्पड़ चलाए। महिलाओं से अभद्रता की। मार्ग से नहीं निकलने के लिए धमकाया भी। शिकायत पर यातायात पुलिस जवानों ने हाथ खड़े कर बोले हम क्या करें…?
महाकाल महालोक के लोकार्पण के बाद से शहर में भारी भीड़ उमड़ रही है। देशभर में विशेष आकर्षण का केंद्र महाकाल महालोक देखने के लिए शनिवार-रविवार और अन्य अवकाश के दिनों में लोग दोपहिया, चौपहिया वाहनों से आ रहे है। पुलिस द्वारा इन वाहनों को हरिफाटक ओवरब्रिज पर जाने से रोक कर यंत्रमहल मार्ग (जयसिंहपुरा) की ओर डायवर्ट कर अपने काम की इतिश्री कर ली जाती है।
बाद की अव्यवस्थाओं से जैसे किसी को कोई लेना-देना ही नहीं है। बीते रविवार को भी ऐसा ही हुआ और सुबह से ही हजारों लोग यहां आना शुरू हो गए थे। शाम तक तो दोपहिया, चौपहिया वाहनों से आसपास के शहरों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। वाहनों को हरिफाटक ब्रिज से यंत्रमहल मार्ग की ओर मोड़ दिया गया। यहां से जयसिंहपुरा होकर महाकाल लोक की ओर जाने वाले वाहनों की संख्या बहुत ही अधिक हो गई। यह मार्ग वैसे ही तंग है और वाहन अधिक होने से जाम लग गया।
वाहनों का जमावड़ा
जयसिंहपुरा वाहनों का जमावड़ा हो गया। इस दौरान मार्ग ही कुछ असामाजिक तत्वों ने अपनी हरकत करना शुरू कर दी। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार सड़क किनारे समूह बनाकर खड़े असामाजिक तत्व दोपहिया वाहन चालकों पर बरसे मुक्के-थप्पड़ बरसाते रहे। वाहन चालकों के साथ मारपीट करते रहे। बदमाशों ने दोपहिया वाहनों पर बैठी महिलाओं के साथ भी अभद्रता की। जाम में फंसे लोग,वाहन चालक कुछ भी करने की स्थिति में नहीं थे। बदमाश थप्पड़ और मुक्के मारते रहे। देर रात तक अव्यवस्था बनी रही।
डायल 100 पर लगाओं फोन
असामाजिक तत्व और बदमाश जब अपनी की हरकतों को अंजाम दे रहे थे,तब पुलिस का कोई भी जवान वहां पर तैनात नहीं था। एक जागरूक नागरिक ने मौके पर एक साइड में खड़े यातायात पुलिस के जवानों को असामाजिक तत्वों-बदमाशों की हरकतों से अवगत कराया तो जवान का कहना था कि हम क्या करें…? डायल हंड्रेड पर फोन लगाओं। आम लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया।
न पार्किंग की व्यवस्था और न सुरक्षा के इंतजाम- महाकाल लोक देखने के लिए बाहर से आने वाले वाहनों की समुचित पार्किंग व्यवस्था भी नहीं है। हरिफाटक क्षेत्र से महाकाल लोक के आसपास बेतरतीब वाहन खड़े कर दिए जाते हैं। इससे जाम की स्थिति और विकट हो जाती है। इतना ही नहीं सड़कों के किनारे खड़े वाहनों की सुरक्षा के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।यह स्थिति दो महीनों से बनी हुई हैं.
शहर में एंट्री के लिए भी जद्दोजहद
महाकाल लोक बनने के दो माह से हर शनिवार-रविवार और अवकाश के दिन हरिफाटक मार्ग पर जाना यानि जाम में फंसना है। अवकाश के दिनों में उज्जैन में दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है,जिसके चलते हरिफाटक मार्ग और महाकाल मंदिर के आसपास के क्षेत्र में ट्रैफिक जाम के हालात बनते है।
हरिफाटक ब्रिज होकर शहर के पुराने हिस्सें में एंट्री के लिए भी लोगों को जद्दोजहद करना पड़ती है,क्योंकि वाहनों को ब्रिज पर जाने से रोक कर नीलगंगा,विवेकानंद कॉलोनी,शास्त्री नगर,सिंधी कॉलोनी के मार्ग पर मोड दिया जाता है। यह मार्ग भी संकरे है और जाम लग जाता है।
बता दें कि यह स्थिति हर बार निर्मित हो रही है। इसके अलावा हरिफाटक पुल व महाकाल मंदिर के आसपास के क्षेत्र की गलियों में जाम की स्थिति बन रही है। वहीं पार्किंग भी पूरी तरह भर जाने के कारण लोग मार्ग के किनारे पर वाहन खड़े कर रहे हैं। इससे स्थिति और बिगड़ रही है।