नि:शक्त, असहाय और बीमार वृद्धा को जिला चिकित्सालय में अज्ञात व्यक्ति छोड़ गया…

अमानवीयता…असंवेदनशीलता…
नि:शक्त, असहाय और बीमार वृद्धा को जिला चिकित्सालय में अज्ञात व्यक्ति छोड़ गया…
डॉक्टर के भी छलक पड़े आंसू…
उज्जैन।धर्म,संस्कृति और परंपराओं का पालन करने वाले शहर में अमानवीयता,असंवेदनशीलता का चेहरा जिला अस्पताल परिसर में सामने आया है। कोई अज्ञात व्यक्ति एक नि:शक्त वृद्ध महिला को लावारिस छोड कर चला गया।
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कहने के लिये दीन दुखियों, असहाय और वृद्धों के लिये दर्जनों आश्रम और सेवालय संचालित हो रहे हैं लेकिन एक वृद्धा को किसी ने आसरा देना उचित नहीं समझा। जिला चिकित्सालय परिसर में पोस्टमार्टम कक्ष के पास खुले आसमान के नीचे घास पर एक वृद्धा बैठी थी।
शरीर ऐसा मानों हड्डियों के ढांचे पर केवल चमड़ी का कवर हो। वस्त्र के नाम पर केवल एक पेटीकोट था। वह घांस तोड़कर अपने मुंह में रखती जा रही थी। जब कुछ लोगों की निगाह इस वृद्ध महिला की दयनीय स्थिति पर पड़ी तो जिला चिकित्सालय प्रबंधन को इससे अवगत कराया।
नहीं है महिला की मानसिक स्थिति ठीक
जिला अस्पताल परिसर लगभग 65-70 वर्षीय कुपोषित वृद्ध महिला की हालात देख मेडिकल ऑफिसर डॉ. जितेन्द्र शर्मा भी भावुक हो गए। उनके नेत्र सजल हो गए। डॉ. शर्मा ने देखा कि पैरों में नासूर सा जख्म था जो बदबू मार रहा था। शरीर की चमडी हड्डियों से चिपकी थीं।
हाथों की कोहनीयों से हड्डिया चमडी चीरकर बाहर आ रही थीं। उससे नाम, पता पूछने का प्रयास किया लेकिन उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। डॉ. शर्मा ने तुरंत ओपीडी से कर्मचारियों व ड्रेसिंग स्टाफ को बुलाया और वृद्धा को वार्ड में भर्ती कर उपचार के निर्देश दिये। वृद्धा कैसे जिला अस्पताल पहुंच गई किसी को कुछ नहीं पता। वह अपना नाम, पता भी नहीं बता पा रही। क्षेत्र में उसे पहली बार देखा गया। संभवत: उसे शहर से बाहर का कोई व्यक्ति लावारिस हालत में छोड़कर भागा है।








