विद्युत कम्पनी ने भी 2700 उपभोक्ताओं को थमाए नोटिस
उज्जैन।नगर निगम ने संपत्तिकर नहीं भरने वाले 1 हजार बड़े बकायादारों की सूची तैयार कर उन्हें लोक अदालत में पेश करने की तैयारी कर ली है।
जिन्हें 12 नवंबर को आयोजित होने वाली वर्ष की अंतिम लोक अदालत में उपस्थित होने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं। इसके बाद भी यदि वे संपत्तिकर जमा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार आगे की कार्यवाही पूरी की जाएगी।
नगर निगम के अपर आयुक्त आदित्य नागर ने बताया है कि नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा राजस्व वसूली को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
इसी कड़ी में वसूली में सक्रियता दिखाते हुए सालों से संपत्तिकर नहीं भरने वाले करीब १००० लोगों को सूची बनाए गई हैं। यह उनके लिए अंतिम और आखरी मौका है। 12 नंवबर को होने वाली लोक अदालत में भाग लेकर वे नियमानुसार छूट का लाभ पा सकते हैं।
एक साल पहले भी चला था वसूली अभियान
नगर निगम द्वारा संपत्तिकर के बकायादारों के खिलाफ एक साल पूर्व भी वसूली अभियान चलाया गया था। उस दौरान भी कई बकायादारों के प्रकरण लोक अदालत में निपटाए गए थे। लेकिन कुछ बड़े बकायादार ऐसे हंै जिन्होंने अभी भी बकाया अमाउंट निगम को जमा नहीं करवाया है। नगर निगम ने उनके लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है।
विद्युत कंपनी ने भी थमाए वसूली नोटिस
12 नवंबर को आयोजित होने वाली लोक अदालत में विद्युत विभाग के 2700 प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। इसमें कंपनी अपने उपभोक्ताओं को कई तरह की छूट दे रही हैं।
विद्युत वितरण कंपनी के कार्यपालन यंत्री राजेश हारोड ने बताया कि विद्युत विभाग द्वारा विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126, 135 व 138 के अंतर्गत लम्बित एवं प्रीलिटिगेशन मामलों में कुल 1700 लोगों को नोटिस दिए गए हंै।
वहीं कार्यपालन यंत्री सतीश कुमरावत ने बताया की पूर्व शहर संभाग के 1000 बकायादारों को नोटिस दिए गए हंै। इसमें 133 प्रकरण ऐसे हंै जो पहले से ही कोर्ट में चल रहे हैं। जिन्हें लोक अदालत में 20 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है, वहीं नए प्रकरणों में उपभोक्ताओं को 30 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।