पितृपक्ष में क्या करें और क्या न करें?

By AV NEWS

पितृपक्ष के समय में सभी पितर पृथ्वी लोक में वास करते हैं और वे उम्मीद करते हैं कि उनकी संतानें उनके लिए श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान आदि करेंगे. इन कार्यों से वे तृप्त होते हैं और फिर आशीर्वाद देकर अपने लोक वापस चले जाते हैं. जो लोग अपने पितरों को तृप्त नहीं करते हैं, वे उनके श्राप के भागी बनते हैं, जिसकी वजह से उनके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. पितरों के श्राप के कारण संतान सुख में भी बाधा आती है. पितृपक्ष में कई ऐसे नियम  हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. आइए जानते हैं कि पितृपक्ष में क्या करें और क्या न करें.

पितृपक्ष में क्या करें?

1. पितृपक्ष में सबसे पहला काम है अपने पितरों को स्मरण करना.

2. पितृपक्ष में आप अपने पितरों को तर्पण करते हैं तो इसे पूरे पक्ष में आपको ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना है.

3. जब भी आप पितरों को तर्पण करें तो पानी में काला तिल, फूल, दूध, कुश मिलाकर उससे उनका तर्पण करें. कुश का उपयोग करने से पितर जल्द ही तृप्त हो जाते हैं.

4. पितृपक्ष में आप प्रत्येक दिन स्नान के समय जल से ही पितरों को तर्पण करें. इससे उनकी आत्माएं तृप्त होती हैं और आशीर्वाद देती हैं.

5. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष के सभी दिन पितरों के लिए भोजन रखें. वह भोजन गाय, कौआ, कुत्ता आदि को खिला दें. ऐसी मान्यता है कि उनके माध्यम से यह भोजन पितरों तक पहुंचता है.

6. पितरों के लिए श्राद्ध कर्म संबह 11:30 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे के मध्य तक संपन्न कर लेना चाहिए. श्राद्ध के लिए दोपहर में रोहिणी और कुतुप मुहूर्त को श्रेष्ठ माना जाता है.

7. पितृपक्ष में पितरों के देव अर्यमा को अवश्य ही जल अर्पित करना चाहिए. जब ये प्रसन्न होते हैं तो सभी पितर भी प्रसन्न और तृप्त हो जाते हैं.

पितृपक्ष में क्या न करें?

1. पितृपक्ष के समय में लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. यह वर्जित है.

2. इस समय में अपने घर के बुजुर्गों और पितरों का अपमान न करें. यह पितृ दोष का कारण बन सकता है.

3. पितृपक्ष में स्नान के समय तेल, उबटन आदि का प्रयोग करना वर्जित है.

4. इस समय में आप कोई भी धार्मिक या मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण आदि न करें. पितृपक्ष में ऐसे कार्य करने अशुभ होते हैं.

5. कुछ लोग पितृपक्ष में नए वस्त्रों को खरीदना और पहनना भी अशुभ मानते हैं.

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