पुलिस ने कहा पहले विवि प्रशासन जांच करे…

मामला : विक्रम विश्वविद्यालय के दस्तावेज गायब होने का

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विश्वविद्यालय ने प्रकरण दर्ज करने के लिए माधव नगर थाने में दिया था आवेदन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के दस्तावेज गायब होने के मामले में पुलिस ने विवि की शिकायत पर प्रकरण दर्ज करने से पूर्व विवि प्रशासन से कहा है कि पहले विवि प्रशासन अपने स्तर पर विभागीय जांच करें,पुलिस उस जांच के आधार पर एफआईआर दर्ज करेगी।

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विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में की गई धांधली की जांच के लिए गठित समिति की फाइल से दस्तावेज गायब हो गए थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एफआईआर के लिए पुलिस को पत्र लिखा था।

माधवनगर पुलिस ने इस संबंध में विवि प्रशासन को एक पत्र लिखा है,जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा गया है कि पहले गायब दस्तावेज के लिए विभागीय स्तर पर समिति से जांच कराएं। जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आगे कार्रवाई करेगी। अब विश्वविद्यालय ने प्रशासन से गायब दस्तावेज की जांच के लिए समिति बनाने की फाइल कुलसचिव तक पहुंचा दी है। विभाग के सहायक कुलसचिव (प्रशासन)रमेशचंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि पुलिस से आए पत्र के साथ समिति बनाने के लिए फाइल कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक तक पहुंंचा दी है।

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अब दो जांच समिति बनेगी- विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन विभाग की फाइल से पीएचडी जांच समिति के बयान संबंधी कुछ दस्तावेज गायब हुए थे।

यह दस्तावेज जून 2022 में आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली की शिकायत पर गठित जांच समिति की फाइल में रखे थे। हालांकि, मामले में विश्वविद्यालय ने सिस्टम इंजीनियर विष्णु कुमार सक्सेना को निलंबित कर थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया था।

विवि प्रशासन का आरोप है कि सक्सेना ने फाइल अवलोकन के लिए ली थी, इसके बाद से ही दस्तावेज नहीं मिले। विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में पीएचडी में धांधली की शिकायत पर तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई थी।

जैसे-तैसे जांच पूरी होने को थी इसी बीच फाइल से दस्तावेज गायब होने से तीनों सदस्यों ने समिति में रहने से इंकार कर दिया। कुलपति नई जांच समिति बनाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच अब पुलिस विभाग का पत्र आने के बाद दस्तावेज गायब होने पर विभागीय जांच समिति गठित करना होगी।

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