उज्जैन। सरकार द्वारा पेंशनरों के हितों की अनदेखी करने के विरोध में मप्र पेंशनरों ने निर्णय लिया है कि पंचायत एवं नगर पालिका चुनाव में म.प्र. के पेंशनर्स कर्मचारी अपने घर के मुख्य द्वार पर (यह पेंशनर का घर है डी-ए/एरियर नहीं तो वोट नहीं, वोट मांग कर हमें शर्मिंदा न करें) पोस्टर लगाने को मजबूर हो गए हैं।
पेंशनरों की मांगों को लेकर मप्र कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था। केन्द्र सरकार अपने रेगुलर कर्मचारियों और पेंशनरों को 34 फ़ीसदी महंगाई भत्ता, महंगाई राहत दे रही है तो वहीं शिवराजसिंह सरकार रेगुलर कर्मचारियों को तो 31 फ़ीसदी महंगाई भत्ता दे रही है मगर पेंशनरों को केवल 17 फ़ीसदी महंगाई राहत दे रही है।
जबकि देशभर की अधिकांश राज्य सरकारें अपने रेगुलर और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को राहत दे रही हैं। उज्जैन पेंशनर्स संघर्ष समिति का कहना है कि पेंशनर्स परिवार को इस महंगाई में 4000 से लेकर 14000 रुपए तक का नुकसान होने से जीवन यापन करना कठिन हो गया है।