उज्जैन। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के मुख्य सभागार में प्रज्ञावतार नाटिका का मंचन हुआ। जिसमें उज्जैन की बालिकाओं ने अपनी कलाकारी का हूनर दिखाया। नाटिका के माध्यम से कलाकारों ने भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाये रखने के लिए विविध कथानकों को मार्मिक ढंग से उकेरा।
नाटिका में राक्षसों ने अपने शुक्राचार्य के सलाह पर अनाचार और अत्याचार करते गये और फिर देवताओं ने मिलकर उन सभी राक्षसों का नाश करते हुए एक नये युग की स्थापना का सूत्रपात किया।