प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में बजाए शंख- डमरू- मृदंग, नृत्यों की हुई प्रस्तुति

उज्जैन। महाकाल लोक का लोकार्पण करने 11 अक्टूबर को उज्जैन आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत संगीतमय रुद्रघोष के साथ शंख, डमरु, मृदंग, घंटा, घडिय़ाल, नगाड़ा बजाकर किया जाएगा।
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उनके स्वागत में देश के विभिन्न प्रांतों से जुटे कलाकार महाकाल लोक में स्थापित मूर्तियों के बीच में भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम, कुचिपुड़ी, कथकली, तेय्यम, पुरुलिया छाऊ आदि नृत्यों की प्रस्तुति देंगे। ब्राह्मण बटुक स्वस्ति वाचन करेंगे। मलखंभ का प्रदर्शन और महाकाल स्तुति गान भी होगा।
प्रधानमंत्री मौली (पंचरंगी धागे) से बने शिवलिंग के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। देशभर से पधारे साधु-संतों का अभिनंदन करेंगे। इसके बाद मूर्तिशिल्प,शिलालेख का अनावरण किया जाएगा। परिसर में स्थापित ऋषि कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, वशिष्ट सप्त ऋषियों की मूर्तियों का अवलोकन करेंगे।
इलेक्ट्रिक वाहन में बैठ रुद्रसागर तट पर दीवार पर बनाए शैल चित्रों और 108 शिव स्तंभों का अवलोकन करेंगे। उनके स्वागत में मान सरोवर (फेसिलिटी सेंटर) भवन के सामने मलखंभ खिलाड़ी शिव तांडव आधारित प्रस्तुति देंगे।
शाम 7.10 बजे प्रधानमंत्री कार्तिक मेला मैदान पहुंच सांस्कृतिक प्रस्तुति देखेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। यहीं पद्मश्री कैलाश खैर स्वरचित महाकाल स्तुति गान सहित भगवान शिव पर केंद्रित गीतों की प्रस्तुति देंगे। लगभग 8.३० बजे प्रधानमंत्री इंदौर जाएंगे।
शिवार्पण महोत्सव के नाम से होगा कार्यक्रम
महाकाल मंदिर में 40 मिनट रहेंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गर्भगृह में पूजन करेंगे।
महाकाल मंदिर में प्रधानमंत्री भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना करेंगे।
प्रधानमंत्री करीब 40 मिनट मंदिर में रहेंगे। इस दौरान वे गर्भगृह में पूजन तथा नंदी मंडपम् में बैठकर ध्यान लगाएंगे।
महाकाल दर्शन के समय केवल प्रधानमंत्री गर्भगृह में रहेंगे। शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा तथा एक सहयोगी पुजारी पूजा अर्चना कराएंगे।
पूजन के पश्चात प्रधानमंत्री कुछ देर नंदी मंडपम् में बैठकर ध्यान लगाएंगे।









