प्रशासक ने नहीं किया कलेक्टर के आदेश का पालन, भारी पड़ा भाजयुमो को
20 जून 2022 को जारी सत्कार दायित्व की अवहेलना…
उज्जैन ।महाकालेश्वर मंदिर में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन पर हुए हंगामे और बवाल को टाला जा सकता था, यदि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक दो माह पहले जारी आदेश का पालन करते। प्रशासन द्वारा इस आदेश की गई अवहेलना का खामियाजा हंगामे के रूप में सामने आया। नतीजतन भाजयुमो के नगर, जिला अध्यक्ष सहित 18 को अपने पद से हाथ धोना पड़ा।
लगभग 1 सप्ताह पहले महाकाल मंदिर में हंगामे के बाद मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक द्वारा कहा गया था कि मंदिर समिति को केवल तीन व्यक्तियों के गर्भगृह में जाने का पाइंट प्रशासन की प्रोटोकॉल शाखा द्वारा दिया गया था। अन्य के प्रवेश को लेकर उनके पास कोई सूचना नहीं थी।
वही पद से हटाए गए भाजयुमो के पूर्व नगर अध्यक्ष अमन शर्मा का कहना था कि प्रशासक को सूचना देने के बावजूद भी भाजयुमो के अन्य पदाधिकारियों के मंदिर प्रवेश की व्यवस्था नहीं की गई थी।
यही हंगामे की वजह बनी। जो कुछ हो भी हो बहरहाल मंदिर के प्रोटोकॉल दायित्व को लेकर लगभग दो माह पूर्व महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर द्वारा जारी आदेश से इस बात का खुलासा हुआ कि प्रशासक द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया। यदि आदेश के अनुसार इंतजाम होते तो शायद हंगामे को टाला जा सकता था।
किसके हाथ में हैं जिम्मेदारी
जिला सत्कार अधिकारी (एडीएम) एवं सहायक सत्कार अधिकारी- समस्त स्टेट गेस्ट, सभी शासकीय विभागों, जिला कलेक्टर के अधिकारिक ईमेल पर प्राप्त होने वाले आवेदन की दर्शन एवं भस्म आरती पाइंट्स। इन सभी पाइंट के लिए निर्धारित पात्रता अनुसार गर्भ गृह एवं नंदीहाल में प्रवेश की अनुमति के लिए जिला सत्कार अधिकारी एवं सहायक सत्कार अधिकारी अधिकृत होंगे।
प्रशासक महाकाल मंदिर प्रबंध समिति: सभी जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दल,पंडे-पुजारी, सभी धार्मिक संस्थान- अखाडा क्षेत्र,मीडिया, दानदाता, सभी सामाजिक संगठन,मंदिर समिति से आने वाले पाइंट्स के लिए निर्धारित पात्रता अनुसार गर्भ गृह एवं नंदीहाल में प्रवेश की अनुमति प्रशासक या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी अनुमति प्रदान करेंगे। आम श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन भस्म आरती की व्यवस्था।
ऐसे हुआ आदेश का खुलासा
प्रोटोकोल दायित्व के विभाजन के आदेश का खुलासा शासन और प्रशासन की हरकत के बाद हुआ। सूत्रों के मुताबिक महाकाल मंदिर में हंगामे और बवाल की खबर जब राजधानी बहुत ही तो खासी हलचल मची। धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्रालय में भी इसे गंभीरता से लिया गया।
घटना को लेकर शासन द्वारा प्रशासन से जानकारी भी मांगी गई। इस बीच संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने की अपनी शिकायत में बताया कि नाग पंचमी के अवसर पर उनके स्टाफ और अन्य लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। कोई पास भी जारी नहीं किया गया।
इसके लिए आखिर कौन जिम्मेदार है? प्रोटोकॉल के तहत महाकाल मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने की जिम्मेदारी किसके पास है ? इसके बाद प्रशासन द्वारा 20 जून 2022 में सत्कार संबंधी दायित्व के कार्य विभाजन जो आदेश जारी किया था, उसे हाल ही में पुन: जारी किया। इसमें कहा गया कि पूर्व में निर्धारित दायित्वों का पूर्णत: पालन नहीं हो रहा हैं। अत: पुराने आदेशानुसार दायित्व रेखांकित करें। इसका सख्ती से पालन किया जाएं।