प्रश्न पत्र फारवर्ड-शेयर करने वालों की खैर नहीं, दस साल की हो सकती है जेल

10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा, माशिमं-सायबर सेल की निगरानी

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र फारवर्ड-शेयर करने वालों पर मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ओर राज्य सायबर क्राइम सेल मिलकर निगाह रखने वाले है। ऐसे मामलों पर सायबर क्राइम की टीम के साथ-साथ मंडल की ओर से पांच सदस्यीय गठित समिति भी नजर रखेगी। इंटरनेट मीडिया पर परीक्षा के पहले ही 70 से अधिक ऐसे ग्रुप चिह्नित किए गए, जो प्रश्नपत्र बहुप्रसारित करने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे।

मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल(माशिमं)की 10वीं व 12वीं परीक्षा के पेपर आउट करने वालों के खिलाफ स्कूल शिक्षा विभाग सख्त कदम उठाएगा।सायबर क्राइम की टीम के साथ मिलकर प्रश्नपत्रों को बहुप्रसारित करने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों या संबंधितों को 10 साल की जेल व 10 लाख रुपये जुर्माना लगेगा।वहीं, इंटरनेट मीडिया पर परीक्षा से पहले 70 से अधिक ग्रुप प्रश्नपत्रों को बहुप्रसारित करने के लिए सक्रिय हो गए हैं।यह ग्रुप 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों से प्रश्नपत्रों के लिए 200 से 500 रुपये की राशि मांग कर रहे हैं। इन पर नकेल कसने के लिए माशिमं भी कई एहतियात बरत रहा है।

पांच सदस्यीय समिति गठित

सायबर क्राइम की टीम के साथ-साथ मंडल की ओर से पांच सदस्यीय गठित समिति भी नजर रखेगी। इस बार नकल प्रकरण और प्रश्नपत्र इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित होने से बचाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। हर जिले में जिला स्तरीय कमेटी गठित की गई है। साथ ही मंडल मुख्यालय स्तर पर भी आनलाइन निगरानी होगी।

समिति में जिला कलेक्टर, सीईओ, संभागीय संयुक्त संचालक, संभागीय अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी निगरानी करेंगे। वहीं मंडल मुख्यालय में भी हर जिले के नोडल अधिकारी बैठाए जाएंगे,जो परीक्षा संचालन पर आनलाइन निगरानी करेंगे। बता दें,कि मंडल की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा में पिछले साल इंटरनेट मीडिया पर 16 से अधिक प्रश्नपत्र बहुप्रसारित हो गए थे। इसमें कई शिक्षकों पर एफआईआर की कार्रवाई की गई।

इंटनेट मीडिया पर ग्रुप एक्टिव

मंडल के अधिकारियों का कहना है कि अभी से इंटरनेट मीडिया (टेलीग्राम आदि) पर 70 से अधिक ग्रुप बन चुके हैं। इसमें तीन केटेगरी में अलग-अलग विषयों के प्रश्र-पत्रों की कीमत 200 रुपये से 500 रुपये रखी है। साथ ही ग्रुपों में वास्तविक प्रश्नपत्रों की गारंटी भी दी जा रही है। इसे लेकर माशिमं ने राज्य सायबर सेल को भी पत्र दिया है।

फर्जी ग्रुप से बचें

बोर्ड परीक्षाओं के नजदीक आने के साथ ही इंटरनेट मीडिया पर विद्यार्थियों से धोखाधड़ी करने वाले कई ग्रुप सक्रिय हो जाते हैं। कई ग्रुप पैसों की मांग करते हैं और विद्यार्थियों को फर्जी प्रश्नपत्र उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा यह ग्रुप विद्यार्थियों को विभिन्न गेमिंग और अन्य हानिकारक सामग्री उपलब्ध कराने वाले एप्स से भी जोड़ देते हैं। इस वजह से विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को आर्थिक हानि होने के साथ मानसिक तकलीफ का भी सामना करना पड़ता है। इन गतिविधियों के रोकने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने अभिभावकों और विद्यार्थियों से कहा है कि उनके साथ इस तरह के कोई भी प्रस्ताव इंटरनेट मीडिया एवं अन्य साधनों से प्राप्त होते है तो उन पर विश्वास न करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और कलेक्ट्रेट में इसकी जानकारी दें। इन इंटरनेट मीडिया ग्रुप के खिलाफ पुलिस के माध्यम से तत्काल कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने सभी सरकारी और प्रायवेट स्कूल से इस मामले में सजग रहने के लिए कहा है।

स्कूल प्रबंधकों से कहा गया है कि वे इस बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करें। हर जिले में जिला स्तरीय समिति गठित की गई है।साथ ही मंडल मुख्यालय में भी समिति बनाई गई है। ट्रेकिंग मोबाइल एप के जरिए इनकी मानिटरिंग की जाएगी। प्रश्नपत्रों का इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित होने से बचाने के लिए सायबर सेल से मदद ली जा रही है। – केडी त्रिपाठी, सचिव, मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल

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