अगर आपके बच्चे बार- बार और जल्दी ही बीमार होते हैं तो इसके पीछे का कारण उनकी कमजोर इम्यूनिटी कमजोर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भी खराब इम्यूनिटी के कारण आज विकसित देशों के बच्चें तेजी से अस्थमा के शिकार हो रहें हैं। असल में, बढ़ते प्रदूषण, अनहैल्दी डाइट, तनाव व स्ट्रेस और बच्चों की कुछ गलत आदतों के चलते बच्चे की इम्यूनिटी पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में बच्चे के बार- बार बीमार पड़ने से उनका शारीरिक व मानसिक तौर से सही तरीके से विकास नहीं हो पाता है। तो चलिए आज हम आपको बच्चों की कुछ गलत आदतों के बारे में बताते हैं, जिसे समय रहते बदलने की जरूरत हैं। नहीं तो बच्चे के विकास में बुरा असर पड़ सकता है…
पूरी नींद न लेना
बच्चे तो दिनभर उछल- कूद करते रहते हैं। ऐसे में दिनभर की थकान को उतारने के लिए उनका रात को ठीक से सोना बेहद जरूरी है। नहीं तो बच्चे की इम्यूनिटी पॉवर कमजोर होगी। इसके कारण उसके दिमाग पर ऑक्सीजन सही तरीके से पहुंचने में रूकावटें आती है। इसके साथ ही बच्चे के स्वभाव में चिड़चिड़ापन, गुस्सा आदि बदलाव आने लगते हैं। इसके लिए बच्चे को सोने से करीब 1 घंटा पहला टी.वी, कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि न दें। साथ ही बच्चे को कम रोशनी व शांत कमरे में सुलाए। साथ ही बच्चों की उम्र का ध्यान रखते हुए उन्हें करीब 10- 14 घंटे सुलाए।
घर पर दिनभर खेलना
आज के जमाने में टी. वी. कंप्यूटर, वीडियो गेम, मोबाइल आदि गैजेट के कारण बच्चे दिनभर इनके साथ ही खेलना पसंद करते हैं। इसी वजह से वे घर के बाहर जाने की जगह घंटों एक ही जगह पर बैठे रहते हैं। ऐसे में कोई फिजिकल एक्टीविटी न होने पर इम्यूनिटी कमजोर होती है। इसके कारण बीमारियों की चपेट में आने का खतरा कई गुणा बढ़ता है। इसलिए बच्चे को दिनभर घर बैठे रहने की जगह बाहर घूमने व खेलने की भी आदत डालें। इससे उन्हें सही मात्रा में विटामिन डी मिलने के इम्यूनिटी मजबूत होने में मदद मिलेगी।
चुपचाप रहना
अक्सर बहुत से बच्चों को अकेले रहना पसंद आता है। ऐसे में वे किसी से ज्यादा अटैच न होने से वे अपने मन की बातों को भी करने से कतराते हैं। मगर इसतरह अपनी फिलिंग्स को छुपा कर रखने से बच्चे पर मानसिक तौर पर बुरा असर पड़ता है। तनाव व चिंता बढ़ने के कारण बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होने लगती है। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि वे अपने बच्चे को समझने व उसकी जरूरतों को जानने की कोशिश करें। उसे सभी के साथ मिल कर बात करने व रहने की आदत डालें। साथ ही उसे रोजाना करीब 30 मिनट तक योगा व मेडिटेशन करवाए। इससे बच्चे का दिमाग रिलेक्स हो इम्यूनिटी बढ़ने में मदद मिलेगी।
सेकंड हैंड स्मोकिंग
सेकंड हैंड स्मोकिंग यानी किसी व्यक्ति द्वारा सिगरेट पीने पर उसका धुआं पड़ना है। ऐसे में अगर बच्चे के आसपास कोई स्मोकिंग करता है तो इससे बच्चे के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। यह धुआं बच्चे के फेफड़ों पर हमला कर उसके विकास में रूकावट आती है। साथ ही अस्थमा, कैंसर, ब्रोंकाइटिस आदि गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ाती है। इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें कि आपका बच्चा कहां और कैसी जगह पर जा रहा है।
जंक व फास्ट फूड
खाने में सही व पौष्टिक चीजों का सेवन न करने से भी शरीर पर गहरा व बुरा असर पड़ता है। अगर आपका बच्चा घर पर बने खाने की जगह भारी मात्रा में बाहर का तला- भुलना, मसालेदार व मीठे भोजन को खाना पसंद करता है तो उसकी इस आदत को तुरंत बदलें। नहीं तो बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर होगा। ऐसे में उसे पाचन से जुड़ी परेशानी होने से शरीर का विकास करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसके लिए उसे रोजाना हरी- पत्तेदार सब्जियां, डेयरी प्रॉडक्ट्स, ताजे फलों का जूस, सूखे मेवे आदि चीजों को सेवन करवाए। साथ ही एक ही बार में भरपेट खिलाने की जगह उसे दिन में करीब 5 बार थोड़ा- थोड़ा खिलाए।