बच्चों के लिए बने अच्छी मां हर महिला को अपनानी चाहिए ये खूबियां

एक बच्चे को जन्म देना जितना मुश्किल और दर्द से परिपूर्ण है, उससे कई ज्यादा कठिन बच्चे की अच्छी परवरिश करना है। एक महिला जब गर्भावस्था में आती है, तभी से अपने शिशु के बारे में सोचने लगती है। उसकी सेहत और भविष्य को लेकर चिंतित रहती है। नौ महीने गर्भ में रखने के बाद असहनीय दर्द झेलते हुए नवजात को जन्म देती है। लेकिन गर्भवती के बच्चे को जन्म देने तक का सफर कठिन नहीं होता।
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असल परीक्षा तो बच्चे के जन्म के बाद से शुरू होती है। महिला सही मायनों में मां तब बनती है, जब उन्हें बच्चे का लालन पालन करना होता है। बच्चे की परवरिश करते समय उसे कई बातों का ध्यान देना होता है। बच्चे के भविष्य को संवारने के लिए कई बलिदान करने पड़ सकते हैं। एक अच्छी मां के कुछ गुण है, जो हर महिला को अपनाने चाहिए। चलिए जानते हैं एक अच्छी मां की खासियत, जो बच्चे की परवरिश में काम आती है।
आत्म जागरूकता
बच्चे की परवरिश के लिए आपको उसके बारे में पता होना चाहिए। लेकिन बेहतर तरीके से बच्चे को समझने के लिए आपको पहले खुद को समझना होगा। हर इंसान की कुछ ताकत और कुछ कमजोरियां होती हैं। मां को अपनी ताकत और कमजोरियों के बारे में पता होगा तो वह आसानी से बच्चे को भी समझ पाएगी।
अपने बच्चों के लिए समय निकालें
आप कामकाजी माँ या घरेलु, हमें पता हैं आप बहुत व्यस्त रहती हैं पर एक माँ के रूप में, आपको याद रखना चाहिए कि आपकी मुख्य जिम्मेदारी अपने बच्चों को अच्छे नागरिक बनने और उन्हें उच्चतम क्षमता तक पहुंच प्राप्त करना है। इससे, कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने व्यस्त हैं, उनके साथ मौजूद रहें।
भावनात्मक रूप से मजबूत बनें
एक मां को सुपरवुमेन माना जाता है। मां और बच्चे का रिश्ता भावनात्मक तौर पर जुड़ा होता है। बच्चे की खुशी और गम,हार और जीत सब कुछ मां की भावनाओं को प्रभावित करता है। इसलिए मां को स्ट्रांग होना चाहिए। शारीरिक और मानसिक दोनों तक पर मां की मजबूती उसे और उसके बच्चे को हर मुश्किल से बचा सकती है।
प्यार से बच्चे की गलतियों को सुधारे
प्यार माताओं और बच्चों के बीच एक बेहतरीन बॉन्डिंग फैक्टर है। कोई भी माँ, जो अपने बच्चे को प्यार और स्नेह दिखाती है, वास्तव में सबसे अच्छी माँ होती है। एक अच्छी माँ अपने बच्चों को वैसे ही स्वीकार करती है जैसे वे हैं और उनसे प्यार करती हैं, भले ही वे गलतियाँ करें या नहीं। हर इंसान गलती करता है और बच्चे एक जैसे होते हैं। गलती को सुधारना जरूरी है लेकिन गलती के लिए अपने बच्चे से नफरत करना सही नहीं है।
मधुर संबंध के लिए नम्रता
बच्चों से मधुर संबंध के लिए मां को नम्र व्यवहार अपनाना चाहिए। माता पिता भी इंसान है तो गलतियां कर सकते हैं। लेकिन आप अपनी गलतियों को कैसे संभालते हैं, ये जरूरी है। बच्चों के सामने अपनी गलती से इनकार करना या उनसे अपनी गलती के लिए माफी न मांगना, बच्चों के सामने आपकी गलत छवि प्रस्तुत करते हैं। इसलिए नम्र रहें और जरूरत पडऩे पर अपनी गलती को मानें। इससे बच्चे भी अपनी गलती मानना सीखेंगे।
बच्चें का सपोर्ट करना
एक अच्छी मां के गुणों में से एक सपोर्टिव होना है। बच्चे जब कोई फैसला लेते हैं, मां को बच्चों की पसंद-नापसंद के बारे में पता होना चाहिए। बच्चों के फैसलों में उनका समर्थन करना चाहिए। अगर बच्चे किसी गलत राह पर हैं तो उन्हें समझाएं और हमेशा उनका साथ देने की बात करें। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप एक अच्छी मां होने का फर्ज निभा सकती हैं।