बच्चों को जरूर सिखाएं बॉडी सेफ्टी के ये जरूरी नियम

By AV NEWS

बच्चों में अमूमन 5 साल की उम्र पार करते ही सूझने-बूझने की क्षमता यानि उनका मानसिक विकास होने लगता है। इसलिए आपको अपने बच्चों को 5 वर्ष की उम्र पार करते ही उन्हें बॉडी सेफ्टी रूल्स यानि बॉडी सेफ्टी के नियम सिखा देने चाहिए। क्या आपने अपने बच्चे को बॉडी सेफ्टी के नियम सिखाएं हैं? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम बच्चों को सिखाए जाने वाले बॉडी सेफ्टी नियमों के बारे में बताएंगे। चलिए जानते हैं बच्चों को किन बॉडी सेफ्टी नियमों के बारे में शिक्षा दी जानी चाहिए।

शारीरिक अंगों

बॉडी सेफ्टी के नियम का पहला चरण है कि बच्चे को शुरूआत में ही बॉडी पार्ट्स के बारे में जानकारी दें। आपके बच्चे को सभी बॉडी पार्ट्स के नाम पता होना चाहिए। यही नहीं उसे शरीर के कुछ जरूरी अंगों के बारे में भी थोड़ी जानकारी भी दें। उन्हें उनके प्राइवेट बॉडी पार्ट्स के बारे में भी बताएं। उन्हें सरलता के साथ बताएं कि ये शरीर के प्राइवेट बॉडी पार्ट्स होते हैं, जिसे किसी के भी सामने नहीं दिखाना चाहिए। इस बात की जानकारी देना इसलिए भी जरूरी मानी जाती है कि अगर कोई उनसे उनके प्राइवेट पार्ट से जुड़ी बातें कर रहा है तो तो बच्चे को अच्छे बुरे का पहले से ही ज्ञात हो और बच्चा अपने घर पर भी ऐसी बातें साझा करने में हिचके नहीं।

सेफ और अनसेफ 

बच्चों को अच्छे बुरे होने का कोई फर्क नहीं पता होता है इसलिए उन्हें यह समझाना जरूरी होता है कि कौन उनके लिए अच्छा है और कौन बुरा। उन्हें सही और सटीक उदाहरण देकर यह समझाएं कि अगर कोई उन्हें गाली देकर बुला रहा है या फिर उनके साथ मार पीट कर रहा है तो वह उनके लिए बुरा है। अगर उनसे कोई गलत बात या फिर गलत तरीके से छू रहा है तो वह उनके लिए अनसेफ होने के साथ ही बुरा भी है। उन्हें यह भी सिखाएं कि ऐसा कुछ होने पर वे बिना किसी डर और हिचकिचाहट के अपने माता-पिता को बताएं

स्ट्रेंजर

यह बात काफी सामान्य है कि बच्चों को खासतौर पर अजनबियों के करीब नहीं जाना चाहिए। आए दिन बच्चों के किडनैपिंग के मामले सामने आते रहते हैं। बच्चों को हमेशा से ही स्ट्रेंजर्स यानि अंजान लोगों से दूरी बनाकर रहना सिखाना चाहिए। हालांकि बच्चों को यह तो सभी सिखाते हैं कि किसी अंजान से कोई खाने की चीज नहीं लेनी चाहिए।

छूने के तरीके 

आपके बच्चे को यह जरूर पता होना चाहिए कि कौन उसे ठीक और कौन उसे गलत तरीके से छू रहा है। यह बातें सिखाने के लिए आपको बच्चे से खुलकर बात करनी होगी। उन्हें प्राइवेट पार्ट्स के नाम अच्छे से पता होने चाहिए साथ ही उनके बारे में जानकारी भी होनी चाहिए। अगर कोई उन्हें बहला फुसलाकर उनसे प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बात कर रहा है तो बच्चों को इसका अंदाजा हो कि यह गलत है। अगर बच्चे को कोई अनुचित स्पर्श कर रहा है या इस प्रकार छू रहा है कि बच्चे को अनकंफर्टेबल महसूस हो रहा है तो वे उनसे पीछा छुड़ाएं और इस बात को गोपनीय न रखते हुए अपने माता-पिता या अपने बड़े भी बहन से बताएं।

असुविधाजनक स्थितियों 

कई बार बच्चे अंजाने में ऐसी स्थितियों में फंस जाते हैं, जिससे निकलने की उन्हें समझ नहीं होती है। इसलिए  उन्हें असुविधाजनक स्थितियों से बाहर निकलना सिखाएं। जैसे अगर वे किसी अजनबी की बातों में आकर उनके चंगुल में फंस गए हैं और उन्हें बाद में एहसास हो कि यह हमारे लिए गलत है या फिर बैड टच है। ऐसे में उन्हें सरल उदाहरण देकर समझाएं कि उन्हें ऐसे व्यक्तियों के चंगुल से बाहर कैसे निकलना है। अगर स्कूल में उनके साथ किसी प्रकार की असुविधाजनक स्थिति उत्पन्न होती है तो फौरन अपने टीचर से उसे साझा करें।

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