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बदमाशों ने 18 से अधिक चोरियां कबूली माल आधी वारदातों का भी नहीं मिला…

चड्डी बनियान गैंग के आधा दर्जन चोर अब भी पुलिस रिमाण्ड पर

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उज्जैन। पिछले 6 माह में शहर की विभिन्न पॉश कॉलोनियों में एक के बाद एक चोरी की वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को परेशानी में डालने वाली चड्डी बनियान गैंग को पिछले माह पुलिस ने बड़ी मुश्किल से गिरफ्तार किया जो अलग-अलग थानों में आज भी रिमांड पर चल रहे हैं।

यह था वारदात का तरीका…

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पेंट को फोल्ड कर ऊपर से चड्डी पहनने और शर्ट निकालकर बनियान पहनने वाली गैंग मूलत: गुजरात राज्य की है। इसके सदस्य शहर की पॉश कॉलोनियों में दिन के समय घूमकर ताले लगे मकानों की रैकी करते और रात के समय अपनी चड्डी बनियान वाली वेशभूषा में वारदात को अंजाम देने निकलते थे। खासियत यह कि एक ही कॉलोनी में 5 से 10 मकानों को एक साथ निशाना बनाकर सोने-चांदी के जेवर, नकदी सहित महंगे आयटम चुराकर ले जाते थे। चोरी की सूचना मिलने पर संबंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंचती। कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे चैक करती। गैंग के सदस्य फुटेज में दिखते लेकिन पकड़ में नहीं आते थे।

जिसने पहले पकड़ा उसकी अधिक बरामदगी

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चड्डी बनियान गैंग के सदस्यों को पकड़कर सायबर टीम ने नानाखेड़ा पुलिस के सुपुर्द किया। पुलिस ने गैंग के विनोद उर्फ वीनू पिता लाला भागौर, राजेश पिता राकेश भागौर, सुनील उर्फ सोनू पिता मालाभाई, कमलेश पिता नवलसिंह, नगर सिंह पिता उडिया निनामा, संजय पिता नरसिंग, बसंत उर्फ भीकू निवासी मातना दाहोद से पूछताछ के बाद चोरी के सोने चांदी के जेवर, एक बोलेरो आदि बरामद किये और एक दर्जन के करीब चोरियों का खुलासा किया।

इसके बाद बदमाशों को नीलगंगा पुलिस ने रिमांड पर लिया। यहां भी पूछताछ के बाद पुलिस ने आधा दर्जन चोरियों में पूछताछ की लेकिन अधिक माल बरामद नहीं हुआ। वर्तमान में यह गैंग नागझिरी पुलिस की रिमाण्ड पर है। 24 सितम्बर तक इनसे 6 चोरी के मामलों में पूछताछ की जायेगी। एसआई दाउद खान ने बताया कि बदमाश चोरी की वारदातें तो कबूल रहे हैं लेकिन माल बरामद नहीं करा रहे।

एक सप्ताह की फिल्डिंग के बाद मिली थी सफलता… एसपी द्वारा चड्डी बनियान गिरोह को पकडऩे के लिये अलग-अलग टीमें गठित कीं, थाना प्रभारियों को निर्देश देने के साथ ही रात्रि गश्त भी बढाई गई लेकिन बदमाश पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। इस दौरान सायबर टीम को सूचना मिली कि बदमाश दाहोद गुजरात क्षेत्र के हैं जिसके बाद सायबर सेल की टीम ने एक सप्ताह मातना गांव के बाहर हाईवे पर डेरा डाला। टीम के सदस्य बताते हैं कि ढाबे का खाना और खुले आसमान के नीचे रात गुजारने से दो सदस्य बीमार हो गये। एक को टायफाइड हुआ लेकिन बदमाशों को पकडऩे के बाद ही शहर लौटे थे।

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